आरयू संवाददाता, लखनऊ। नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) और एनआरसी के खिलाफ सूबे की राजधानी लखनऊ में अल्पसंख्यकों ने विरोध प्रदर्शन किया। शुक्रवार को पुराने लखनऊ घंटाघर इलाके में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के बैनर तले जुटे हजारों लोगों ने प्रदर्शन व नारेबाजी कर विरोध जताते हुए विधेयक को खारिज करने की मांग करते हुए टीले वाली मस्जिद तक पैदल मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सरकार विकास व जनता से जुड़ी जरूरी बातों से लोगों का ध्यान भटकाने व आपस में फूट डालने के लिए इस तरह के कदम उठा रही है।
प्रदर्शन के नेतृत्व कर रहें एआइएमआइएम के जिला अध्यक्ष काशिफ अहमद ने सीएबी व एनआरसी को मुस्लिमों को परेशान करने वाला कानून बताया। काशिफ ने कहा की यह दोनों ही बिल मुसलमानों के मुखालफत में हैं और यह बिल इस बात को बताते हैं कि बीजेपी हुकूमत पूरी तरह से फेल हो चुकी है और वह लोकतंत्र की हत्या करने पर आमादा है।
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भाजपा सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए जिलाध्यक्ष ने कहा कि सत्ता की कुर्सियों पर बैठकर अगर नेता हमको इस मुल्क का नागरिक नहीं समझ पा रहे हैं तो मैं उनकी आंखें खोलना चाहता हूं और उनको यह बताना चाहता हूं कि मुसलमान इस मुल्क का किराएदार नहीं, बल्कि पहले दर्जे का नागरिक है, क्योंकि मुसलमानों ने इस मुल्क की आजादी के लिए अपने खून को इस वतन की मिट्टी में मिलाया है।
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उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिमों के उलमा-ए-कराम भी इस देश को आजाद कराने में फांसी पर चढ़ गए तब जाकर इस मुल्क को आजादी मिली है। हमेशा से भारत में हिंदू और मुसलमान एक साथ रहते आए हैं और एक दूसरे के सुख-दुख में शामिल रहें हैं, लेकिन सरकार जो नफरत का बीज इस सरजमीं पर बोने की कोशिश में लगी है उससे देश का हर नागरिक समझ चुका है कि हिंदू और मुस्लिम के बीच भेदभाव करने वाले यही वह लोग हैं जिन्होंने देश आजादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया।
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भविष्य में भी प्रदर्शन करने की बात पर एआइएमआइएम नेता ने कहा कि एआइएमआइएम तब तक इस लड़ाई को जारी रखेगी जब तक सरकार संविधान विरोधी व देश तोड़ने वाले इस बिल वापस नहीं ले लेती।
प्रदर्शन के दौरान एआइएमआइएम की जिला टीम के कार्यकर्ताओं के साथ महिला विंग की अध्यक्ष रुखसाना जिया, सोशल एक्टिविस्ट फहीम सिद्दीकी, शाराब बंदी संघर्ष समिति के अध्यक्ष मुर्तजा अली, मोहम्मद उस्मान अंसारी समेत हजारों प्रदर्शनकारी मौजूद रहें।