संशोधन बिल
राज्यसभा में बोलते गृह मंत्री आमित शाह।

आरयू वेब टीम। लंबी बहस के बाद आखिरकार बुधवार देर शाम राज्‍यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो गया है। इस बिल के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। साथ ही इस विधेयक ने विधायी प्रक्रिया पूरी कर ली है। राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही यह विधेयक कानून के तौर पर लागू हो जाएगा।

विधेयक पर साढ़े छह घंटे तक चली बहस में जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह विधेयक इन तीन देशों के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए लाया गया है, न कि किसी की नागरिकता छीनने के लिए। उन्होंने विपक्ष के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि यह विधेयक मुस्लिमों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को डरने की कोई जरूरत नहीं है।

विधेयक के पक्ष में इन पार्टियों ने किया वोट

वहीं विधेयक के पक्ष में 125 वोट पड़े, जबकि इसके खिलाफ 105 वोट पड़े। विधेयक को भाजपा और जदयू और एसएडी जैसे उसके सहयोगियों के अलावा एआइएडीएमके, बीजेडी, टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस ने भी समर्थन दिया। वोटिंग के दौरान शिवसेना ने इस मतदान से वाक आउट किया। इससे पहले विधेयक सेलेक्ट कमेटी को भेजने का प्रस्ताव राज्यसभा में खारिज हो गया। कमेटी के पास भेजने के प्रस्ताव खिलाफ 124 वोट पड़े जबकि इसके पक्ष में 99 वोट पड़े। विधेयक में संशोधन के लिए कुल 14 प्रस्ताव दिए गए।

दूसरे देशों के मुस्लिमों को भारत की नागरिकता के लिए आवेदन का अधिकार

बिल पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि दूसरे देशों के मुस्लिमों को भारत में नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार है। प्रस्तावित विधेयक कानून बनने के बाद पश्चिम बंगाल सहित पूरे देश में लागू होगा। उन्होंने यह भी कहा कि बिल पारित होने के बाद किसी को भी डिटेंशन कैंप में नहीं रहना होगा।

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पाकिस्‍तान की नाकामी की वजह से लाना पड़ा ये बिल

गृह मंत्री ने आगे कहा कि ऐतिहासिक गलती की वजह से यह विधेयक लाने की आवश्यकता पड़ी। उन्होंने कहा कि देश के बंटवारे और अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करने में पाकिस्तान की नाकामी की वजह से यह बिल लाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ। बंटवारे से पैदा हुई समस्याओं को सुलझाने के लिए यह विधेयक पेश किया गया है। अगर पिछली सरकारों ने समस्या दूर करने के लिए कदम उठाया होता तो मौजूदा सरकार को यह कदम नहीं उठाना पड़ता।

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देश चलाने के लिए नहीं, बल्कि गलतियों को दूर करने…

राज्‍यसभा में बोलते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सिर्फ देश चलाने के लिए नहीं बल्कि गलतियों को दूर करने के लिए है। अगर यह विधेयक 50 साल पहले पेश किया गया होता तो आज समस्या इतनी गंभीर नहीं होती। लोकसभा से पारित होने के बाद नागरिकता संशोधन बिल आज राज्यसभा में पेश कर दिया गया। गृहमंत्री अमित शाह ने इस विधेयक को पेश किया। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस विधेयक को संविधान के खिलाफ बताते हुए विरोध किया।

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