आरयू वेब टीम। गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश किया है। इस बिल के पेश किए जाने को लेकर लोकसभा में वोटिंग हुई है। वोटिंग प्रक्रिया में 293 सासंदों ने समर्थन में वोट डाला है, वहीं 82 सांसदों ने इसके विरोध में 82 वोट पड़े हैं। कहा जा रहा है कि इसके बाद मंगलवार को राज्यसभा में इसे पेश किया जाएगा।
वहीं विपक्ष द्वारा उठाए गए इस बिल पर उठ रहे विवाद के बीच अमित शाह ने कहा कि यह बिल अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ एकदम नहीं है। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल अल्पसंख्यकों के 0.001% भी खिलाफ नहीं है।
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अमित शाह ने यह जवाब कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी के उस बयान पर दिया, जिसमें उन्होंने इस बिल के विरोध में कहा कि यह बिल देश के अल्पसंख्यक समुदायों को टारगेट करने के लिए लाया जा रहा है। शाह ने विपक्ष के विरोध पर कहा कि वो विपक्ष के हर सवालों का जवाब देने को तैयार हैं, बस विपक्ष बहस से वॉकआउट न करे। शाह ने कहा कि बिल पर चर्चा होगी, बिल के मेरिट पर नहीं। उन्होंने कहा कि यह बिल आर्टिकल 14 का उल्लंघन नहीं करता है।
उधर विपक्ष इस बिल का जोरदार विरोध कर रहा है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, सीपीआइ, आइयूएमएल, डीएमके, आरजेडी, सीपीएम और तृणमूल इस पर विरोध किया। इन पार्टियों ने इस बिल के लिए आठ बिंदुओं की रणनीति सुझाई है।
बता दें कि इस प्रस्ताव इस छह दशक पुराने नागरिकता कानून में संशोधन लाया जाएगा। इस कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हुए शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी गई थी। इस संशोधन में प्रस्ताव है कि 31 दिसंबर, 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हुए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी मानने की बजाय उन्हें भारतीय नागरिकता दिया जाए।