CTET का पेपर लीक कराने के नाम पर वसूली करने वाले गैंग के सरगना व सदस्‍य को STF ने किया गिरफ्तार

सीटेट का पेपर लीक
एसटीएफ के हत्थे चढ़े धीरज व चंद्रपाल।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। रविवार को संपन्‍न हुई सीटेट का पेपर लीक करने के नाम पर अभ्‍यर्थियों से वसूली करने वाले एक गैंग को आज भोर में एसटीएफ ने गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। एसटीएफ कानपुर इकाई व एसटीएफ लखनऊ की सर्विलांस टीम द्वारा संयुक्‍त रूप से कानपुर के थाना चकेरी बर्रा रोड पर छापेमारी कर गैंग के सरगना समेत दो लोगों को गिरफ्तार करते हुए संभावित प्रश्‍नोत्‍तरी व अन्‍य जाली कागजात, कैश, मोबाइल समेत अन्‍य सामान बरामद किया है। वहीं इस मामले में गैंग के दो अन्‍य सदस्‍यों की एसटीएफ की टीमें तलाश कर रहीं हैं।

एसटीएफ के अधिकारियों के अनुसार यूपी एसटीएफ की लखनऊ टीम को विभिन्‍न माध्‍यमों से काफी दिनों से यह सूचना मिल रही थी कि जनपद जालौन में एक ऐसा गिरोह सक्रिय है, जो आगामी आठ दिसंबर को होने वाली सीटेट की परीक्षा में पेपर आउट कराकर उसकी बिक्री करेगा। जिसके बाद डीजीपी ओपी सिंह ने आइजी एसटीएफ अमिताभ यश व एसएसपी एसटीएफ राजीव नारायण मिश्र को इस गिरोह पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

आला अधिकारी के निर्देश पर एसएसपी ने एएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह व उनकी टीम के कानपुर फील्‍ड के सीओ तेज बहादुर सिंह, एसआइ धनश्‍याम यादव को गिरोह पर शिकंजा कसने के लिए लगाया था।

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एसटीएफ लखनऊ मुख्यालय की टीम को इस संबंध में सूचना प्राप्त होने पर उसे कल ही कानपुर रवाना किया गया तथा कानपुर इकाई की टीम के साथ संयुक्‍त अभियान में मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ ने बर्रा रोड से गैंग के सरगना धीरज द्विवेदी उर्फ कृष्ण गोपाल निवासी ग्राम व पोस्ट गणेश नगर थाना रेंढर जनपद जालौन व चंद्रपाल यादव उर्फ जीतू निवासी ग्राम गालम पुरा थाना माधौगढ़ जनपद जालौन को धर दबोचा। जबकि गैंग में शामिल प्रयागराज निवासी आलोक सेंगर व प्रिंस एसटीएफ के हाथों से बच निकले।

पूछताछ में धीरज व चंद्रपाल ने एसटीएफ को बताया कि आलोक सेंगर व प्रिंस द्वारा पैसे का लालच देने पर उसने  कॉलेज के छात्रों व जालौन के कई अन्य छात्रों को पेपर आउट कराकर देने के लिए कहा था, जिसके क्रम में पेपर प्राप्त करने के लिए मैं आलोक सेंगर को ‘ऑन लाइन’ ‘फोन-पे’ व  बैंक ट्रांसफर के माध्यम से कई किश्तों में 87 हजार रुपए दे चुका हूं। मेरा सौदा उनसे पांच लाख रुपए में हुआ था, जिसके एवज में आलोक सेगंर द्वारा बीती आठ दिसंबर को पेपर से पहले ही व्हाट्सएप्‍प के माध्यम से प्रश्‍नावली भेजनी थी। मेरे द्वारा प्रति परीक्षार्थी से 25 हजार रुपये के हिसाब से तय किया गया था, जो मुझे पैसा देने भी आने वाले थे कि उनके आने से पूर्व ही आप लोगों द्वारा पकड़ लिया गया।

एएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि सीटेट का पेपर वास्‍तविक रूप से लीक नहीं किया गया था। पकड़ा गया गैंग पेपर लीक करने का लालच देकर अभ्‍यर्थियों से मनमुताबिक पैसे ठगता था। इस गैंग के फरार चल रहे सदस्‍य आलोक सेंगर व प्रिंस की फिलहाल तलाश करने के साथ ही एसटीएफ अन्‍य बिंदुओं पर भी गहराई से जांच कर रही है।

आरोपितों के पास से बरामदगी-

1- दो मोबाइल फोन।

2- दो-दो आधार व पैन कार्ड।

3- एक मतदाता फोटो पहचान पत्र।

5- दो सीटेट प्रवेश पत्र।

6- 21 पन्नों की संभावित प्रश्‍नोत्‍तरी।

  1. दो पन्नों में पांच सवालों का परीक्षा से पहले गैंग द्वारा आउट किए गए प्रश्‍न व उनके वैकल्पिक उत्‍तर।

8- चार हजार चार सौ 50 रुपए कैश।

एसटीएफ ने पकड़े गए धीरज व चंद्रपाल के खिलाफ चकेरी थाने में भदवि की धारा 419/420/467/468/471/120 बी व 66डी आइटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराते हुए उन्‍हें चकेरी पुलिस को सौंप दिया। दोनों आरोपितों के खिलाफ आगे की कार्रवाई अब चकेरी पुलिस कर रही है।

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