आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। एसटीएफ लखनऊ की टीम को आज प्राथमिक विद्यालाय के फर्जी प्रिंसिपल रामानंद को पकड़ने में सफलता मिली है। पकड़ा गया जालसाज पिछले नौ सालों से दूसरे के शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहा था। वर्तमान में जालसाज अंबेडकरनगर के एक प्राथमिक विद्यालय में बतौर प्रिंसिपल तैनात था। एसटीएफ ने उसके पास से दूसरे के नाम से तैयार किए गए तमाम फर्जी और उसके असली दस्तावेज भी बरामद किए हैं।
एसटीएफ को मिली इस कामयाबी के पीछे जालसाज के सगे भाई शत्रुध्न का भी बड़ा रोल है। दो दिन पहले सीतापुर जिले के एक प्राथमिक विद्यालय में फर्जी तरीके से बतौर सहायक शिक्षक के रूप में नौकरी करते हुए पकड़े गए शत्रुध्न ने ही पूछताछ में राज खोला था कि उसका भाई फर्जी तरीके से प्रिंसिपल बनकर नौकरी कर रहा है।
ऐसे सामने आया पूरा मामला-
मामले की जानकारी देते हुए एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने मीडिया को बताया कि एसटीएफ को जानकारी मिली थी कि जालसाज बेसिक शिक्षा विभाग में दूसरे के शैक्षिक प्रमाण पत्रों का प्रयोग करते हुए उसी व्यक्ति के नाम पर नियुक्ति हासिल कर नौकरी कर रहें हैं।
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जिसपर उन्होंने सीओ एसटीएफ सत्यसेन यादव को मामले की जांच सौंपी थी। जांच के दौरान एसटीएफ ने बीते 15 अगस्त को सीतापुर जिले के प्राथमिक विद्यालय सुपौली के सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत अनिल कुमार यादव (वास्तविक नाम शत्रुधन पुत्र स्व. राम दुलारे निवासी पोस्ट शिवापार भटौली घनघटा जनपद संतकबीरनगर) को गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तार अभियुक्त शत्रुधन ने पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया था कि दीपक कुमार सिंह नाम से फर्जी तरीके से उसका सगा भाई रामानंद अंबेडकर नगर जिले में बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहा है।
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जिसके बाद इंस्पेक्टर बिजेन्द्र शर्मा के नेतृत्व में अंबेडकरनगर पहुंची एसटीएफ की टीम ने दीपक कुमार सिंह उर्फ रामानन्द उर्फ रामाप्रसाद को धर दबोचा। पूछताछ में रामानन्द ने बताया कि वह दीपक कुमार पुत्र दिनेश कुमार सिंह निवासी मोहल्ला एवं पोस्ट मोहददीपुर जनपद गोरखपुर के नाम से प्रधानाध्यापक के पद पर प्राथमिक विद्यालय बैरमपुर, टाण्डा जनपद अंबेडकरनगर में नौकरी कर रहा है।
उसने साहब राम तिवारी नामक व्यक्ति के माध्यम से दीपक कुमार सिंह के शैक्षिक प्रमाण पत्रों में हाईस्कूल व इण्टर के मूल प्रमाण पत्रों के अलावा बीएससी व बीएड के द्वितीय प्रति प्राप्त कर ली थी, जिसपर अपना फोटो चस्पा करते हुए नौकरी के लिए आवेदन किया था। जिसके बाद उसकी नियुक्ति बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के पद पर वर्ष 2009 में हो गयी।
एसटीएफ के पूछताछ करने पर रामानंद ने अपनी शैक्षिक योग्यता बीए, बीटीसी बताया, लेकिन जब उसके शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच की गयी तो उपरोक्त नियुक्ति (2009) के बाद की मिली। एसटीएफ अब साहब राम तिवारी की तलाश करने के साथ ही इस बात की गहराई से जांच कर रही है, इस काम में और कौन-कौन लोग शामिल हैं।
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अभिषेक सिंह ने बताया कि रामानंद के खिलाफ अंबेडकरनगर की अकबरपुर कोतवाली में भदवि की धारा 419/420/467/468/471 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।
पकड़े गए आरोपित के पास से बरामदगी-
दो अदद मोबाइल फोन, 620 रु नकद, एटीएम कार्ड के अलावा दीपक कुमार के नाम से आधार व निर्वाचन कार्ड, समस्त प्रमाण पत्रों की फोटो कॉपी (हाई स्कूल अंकपत्र/प्रमाणपत्र, इण्टर मीडिएट अंकपत्र/प्रमाणपत्र, स्नातक अंकपत्र/प्रमाणपत्र, बीएड अंकपत्र) के अलावा बैंक की पासबुक।
इसके साथ ही शत्रुघन के समस्त शैक्षिक प्रमाण पत्रों की मूल प्रतियां, रामानन्द पुत्र राम दुलारे के नाम से शैक्षिक मूल प्रमाण पत्रों की प्रतियां, रामानन्द के नाम से आधार कार्ड/निर्वाचन कार्ड/निवास प्रमाण पत्र व विकलांग प्रमाण पत्र, रामप्रसाद यादव पुत्र राम दुलारे यादव के नाम का पैन कार्ड एसटीएफ ने बरामद किया है।
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