‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने किया जनता कर्फ्यू का जिक्र, ये बातें भी कही

मन की बात
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम की 75वीं कड़ी के जरिए राष्ट्र को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत में ‘मन की बात’ के श्रोताओं का आभार जताया है। साथ ही कहा कि मैं आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं कि आपने इतनी बारीक नजर से ‘मन की बात’ को फॉलो किया है और आप जुड़े रहे हैं। ये मेरे लिए बहुत ही गर्व का विषय है, आनंद का विषय है।

वहीं मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने जनता कर्फ्यू का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष ये मार्च का ही महीना था, देश ने पहली बार जनता कर्फ्यू शब्द सुना था, लेकिन इस महान देश की महान प्रजा की महाशक्ति का अनुभव देखिये कि जनता कर्फ्यू पूरे विश्व के लिए एक अचरज बन गया था। उन्होंने कहा कि अनुशासन का ये अभूतपूर्व उदहारण था, आने वाली पीढ़ियां इस एक बात को लेकर जरूर गर्व करेगी। उन्होंने आगे कहा कि हमारे कोरोना वॉरियर्स के प्रति सम्मान और आदर के लिए भी लोगों का थाली बजाना, ताली बजाना, दिया जलाना उनके दिल को छू गया था। इसी कारण कोरोना वॉरियर्स सालभर डटे रहे।

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एक बार फिर दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत में दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम चल रहा है। इन सबके बीच, कोरोना से लड़ाई का मंत्र भी जरुर याद रखिए-‘दवाई भी-कड़ाई भी’। उन्होंने कहा कि सिर्फ मुझे बोलना है- ऐसा नहीं, हमें जीना भी है, बोलना भी है, बताना भी है और लोगों को ‘दवाई भी-कड़ाई भी’ मंत्र के लिए प्रतिबद्ध बनाते रहना भी है।

नयापन, आधुनिकता होती है अनिवार्य 

नरेंद्र मोदी ने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में नयापन, आधुनिकता और अनिवार्य होती है, वरना वही कभी-कभी हमारे लिए बोझ बन जाती है। भारत के कृषि जगत में आधुनिकता ये समय की मांग है। बहुत देर हो चुकी है। हम बहुत समय गवां चुके हैं। मोदी ने कहा कि कृषि सेक्टर में रोजगार के नए अवसर पैदा करने, किसानों की आय बढ़ाने और परंपरागत कृषि के साथ ही नए विकल्पों को, नए-नए इनोवेशन को अपनाना भी जरूरी है। श्वेत क्रांति के दौरान देश ने इसे अनुभव किया है।

भारतीय होने पर गर्व

प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों भारत के लोग दुनिया के किसी कोने में जाते हैं तो गर्व से कहते हैं कि वो भारतीय हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने योग, आयुर्वेद और दर्शन, न जाने क्या कुछ नहीं है हमारे पास, जिसके लिए हम गर्व करते हैं और गर्व की बातें करते हैं। साथ ही अपनी स्थानीय भाषा, बोली, पहचान, पहनाव, खान-पान उसका भी गर्व करते हैं। मोदी ने कहा कि हमें नया तो पाना है और वही तो जीवन होता है, लेकिन साथ-साथ पुरातन गंवाना भी नहीं है। हमें बहुत परिश्रम के साथ अपने आस-पास मौजूद अथाह सांस्कृतिक धरोहर का संवर्धन करना है, नई पीढ़ी तक पहुंचाना है।

त्योहारों की दीं शुभकामनाएं

इस दौरान पीएम मोदी ने देश में आने वाले त्योहारों पर भी बात करते हुए कहा कि यह समय नई शुरुआत और नए उत्सवों के आगमन का है, जिस समय हम रंगों के साथ होली मना रहे होते हैं, उसी समय बसंत भी हमारे चारों ओर नए रंग बिखेर रहा होता है। इसी समय फूलों का खिलना शुरू होता है और प्रकृति जीवंत हो उठती है। उन्होंने कहा कि देश के अलग-अलग क्षेत्रों में जल्द ही नया साल भी मनाया जाएगा। चाहे उगादी हो या पुथंडू, गुड़ी पड़वा हो या बिहू, नवरेह हो या पोइला बोईशाख हो या बैसाखी। पूरा देश, उमंग, उत्साह और नई उम्मीदों के रंग में सराबोर दिखेगा। इसी समय केरल भी खूबसूरत त्योहार विशु मनाता है।

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