आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी में दस सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के बीच सपा में घमासान मचा है। मतदान के जरिए सपा के अंदर जारी कलह खुलकर सामने आ गई है। एक के बाद एक कई विधायकों ने सपा का साथ छोड़ दिया है। पहले मनोज पांडेय ने घोषणा की इसके बाद एक-एक कर कई नाम सामने आ गए। जिसके तहत सपा के सभी बागी एक साथ वोट डालने के लिए पहुंचे। दूसरी ओर सपा ने मनोज पांडेय पर कार्रवाई शुरू कर दी है। उनकी नेम प्लेट को विधानसभा से हटा दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, राज्यसभा चुनाव में सपा के बागी विधायक एक साथ वोट देने के लिए विधानसभा पहुंच गए। मनोज कुमार पांडेय के साथ ही राकेश पांडेय, राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, विनोद चतुर्वेदी व पूजा पाल ने एक साथ भाजपा के प्रत्याशी को वोट दिया है। तो वहीं राज्यसभा चुनाव में सपा के बागी विधायकों के बाद कांग्रेस विधायक ने भी भाजपा प्रत्याशी का समर्थन किया है। इसी के साथ ही बसपा विधायक ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वो भी भाजपा प्रत्याशी का ही समर्थन करेंगे, तो वहीं राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान से पहले सपा के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा देने वाले विधायक मनोज पांडेय के खिलाफ सपा ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है।
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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर विधानसभा से मनोज पांडेय की नेम प्लेट हटा दी गई है। मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा, “राज्यसभा के चुनाव में वोट लेने के लिए भाजपा ने सब कुछ किया है, जो लोग गए हैं उनमें सरकार के खिलाफ खड़ा होने का साहस नहीं रहा होगा। कार्रवाई जरूर होगी क्योंकि हमारे साथियों का मानना है कि ऐसे लोगों को दूर कर देना चाहिए।” सपा विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक के पद से मनोज पाण्डेय के इस्तीफे पर उन्होंने कहा, “अभी तक वे कद्दावर नेता लग रहे थे, लेकिन कद्दावर नेता निकले नहीं।”