आरयू वेब टीम।
पूर्वोत्तर राज्यों के चुनाव का परिणाम आने के बाद अब एक दूसरे के धुर विरोधी दल एक मंच पर आ चुके हैं। इसकी शुरूआत आज गोरखपुर व फूलपुर सीट पर लोकसभा उपचुनाव में बसपा ने सपा के साथ आने की घोषणा के साथ कर दी है। बसपा की ये घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गठबंधन को लेकर सपा-बसपा की केले और बेर वाले बयान के कुछ ही घंटे बाद सामने आयी है। ये घोषणा मायावती ने खुद करने की जगह अपने जोनल कोआर्डिनेटर से करवाई है। हालांकि कहा जा रहा है कि इसकी पटकथा शनिवार को ही बसपा सुप्रीमो के आवास पर लिखी जा चुकी थी।
मिली जानकारी के अनुसार गोरखपुर में आयोजित बसपा के कार्यकर्ता सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित बसपा के मुख्य जोन कोऑर्डिनेटर घनश्याम चन्द्र खरवार ने सपा प्रत्याशी को समर्थन देने का ऐलान करते हुए कहा कि हम मिलकर देश को खोखला करने वालों को सबक सिखाएंगे।
इसके अलावा उन्होंने अपने पार्टी के लोगों से कहा कि तन, मन, धन से सपा उम्मीदवार को जीताने में जुट जाएं। वहीं उन्होंने ये भी कहा कि दो शर्तों पर मायावती ने समाजवादी पार्टी को समर्थन देने का निर्णय लिया है। पहली शर्त है कि देश को खोखला करने वालों को उखाड़ फेंकेंगे और दूसरी शर्त अति पिछड़े वर्ग के प्रत्याशी को मैदान में उतारने की थी।
वहीं दूसरी ओर फूलपुर लोकसभा सीट के लिए सपा उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान बसपा के जोनल कोआर्डिनेटर अशोक गौतम ने किया। उन्होंने इलाहाबाद में मीडिया को बताया कि मायावती के निर्देश पर पार्टी फूलपुर सीट पर सपा प्रत्याशी नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल का समर्थन करेगी। साथ ही भाजपा को हराने के लिये बीएसपी ने सपा का समर्थन किया है। यह समर्थन फिलहाल इस लोकसभा उपचुनाव के लिए है।