आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बोलने के तरीके पर सवाल उठाएं हैं। यूपी के पूर्व सीएम ने कहा है कि मुख्यमंत्री की भाषा पूरी तरह से अलोकतांत्रिक व गैर जिम्मेदाराना है। इसके चलते न सिर्फ उत्तर प्रदेश में अराजकता बढ़ी है, बल्कि सामाजिक वातावरण भी दूषित हुआ है।
आज अपने एक बयान में अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री का पद संवैधानिक पद है, जिसकी गरिमा एवं मर्यादाएं हैं। इस पद पर बैठे व्यक्ति से भाषा में संयम और बर्ताव में आत्म अनुशासन की अपेक्षा की जाती है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा बोली की जगह गोली, ठोक दो और बदला लेंगे जैसी भाषा का इस्तेमाल पूरी तरह से गलत है।
तुकबंदी कहना घोर आपत्तिजनक
यूपी के पूर्व सीएम ने हमला जारी रखते हुए कहा कि, लगता है मुख्यमंत्री इससे बेपरवाह बने है। इस पर मुख्यमंत्री का यह कहना कि यह तो तुकबंदी है, घोर आपत्तिजनक है। मुख्यमंत्री की ऐसी भाषा का यह भी दुष्परिणाम हो सकता है कि कोई भी निम्नस्तरीय, घटिया मानसिकता की गलत बयानी करने में संकोच नहीं करेगा। वह इसे भी तुकबंदी करार देगा। अखिलेश ने सवाल उठाते हुए मीडिया से कहा कि यूपी में इस हिसाब से तो तीन साल से तुकबंदी से सरकार चल रही है। क्या मुख्यमंत्री ऐसी तुकबंदी से ही प्रदेश की धरती पर रामराज उतारेंगे?
…लेकिन अब भाजपा भी कांग्रेस की राह पर
वहीं आज अखिलेश ने भाजपा के साथ ही कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि लोकसभा में कांग्रेस व भाजपा समेत कई दलों ने जातीय जनगणना पर सहमति जताई थी, लेकिन अब भाजपा भी कांग्रेस की राह पर है। जाति गणना हो जाने पर सबको उसकी संख्या अनुपात में हक एवं सम्मान मिलेगा और सबका समान विकास होगा।