आरयू ब्यूंरो,
लखनऊ। लोकसभा चुनाव के मतदान की तीथि जैसे-जैसे करीब आ रही है वैसे-वैसे चुनावी मुद्दों में धर्म और जाति का रंग चढ़ता नजर आ रहा है। बीजेपी समेंत विभिन्न दलों के नेताओं के बयानों में धर्म-जाति की बात सुनकर मंगलवार को सपा अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर सवाल उठाया है।
अखिलेश ने आज सोशल मीडिया के जरिए कहा है कि जब बेरोजगारी, गरीबी, दुख व दर्द धर्म और मजहब नहीं देखते हैं तो फिर कुछ नेताओं को हर चीज में सिर्फ धर्म और मजहब ही क्यों दिखाई दे रहा है?
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यूपी के पूर्व ने अपने ट्विटर एकाऊंट से ट्विट करते हुए आज लिखा कि बेरोजगारी धर्म और मजहब नहीं देखती है। गरीबी धर्म और मजहब नहीं देखती है। दुख-दर्द धर्म और मजहब नहीं देखते हैं। तो फिर आज कुछ नेताओं को हर चीज में केवल धर्म और मजहब ही क्यों दिखाई दे रहे हैं? इस सवाल के साथ ही अखिलेश ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए अपनी एक फोटो भी शेयर की है।
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वहीं सोशल मीडिया पर इस तरह से अखिलेश के सवाल उठाने के बाद अब लोगों में बहस छिड़ गयी है। कुछ लोग धर्म और राजनीत को अलग कर विकास के मुद्दे पर बात कर रहे हैं तो कुछ लोग धर्म को ही खतरें में रहने की बात कहते हुए इसे सही बता रहें हैं।
बेरोज़गारी धर्म और मज़हब नहीं देखती है।
ग़रीबी धर्म और मज़हब नहीं देखती है।
दुःख-दर्द धर्म और मज़हब नहीं देखते हैं।तो फिर आज कुछ नेताओं को हर चीज़ में केवल धर्म और मज़हब ही क्यूँ दिखाई दे रहे हैं? pic.twitter.com/Kpmf9eUCNl
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 2, 2019