आरयू ब्यूरो, लखनऊ। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ईडी और सीबीआइ की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। वह इनके काम करने के तरीके से इतना नाराज है कि इन्हें हमेशा के लिए बंद करने तक की बात कह डाली। साथ ही उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा। सपा प्रमुख ने कहा कि जिस तरह से नेताजी मुलायम सिंह यादव ने सत्ता में आने के बाद व्यापारियों पर लगने वाला चुंगी खत्म कर दिया था, ठीक उसी प्रकार ईडी और सीबीआइ जैसी संस्थाओं को भी खत्म कर देना चाहिए।
दरअसल लखनऊ स्थित सपा कार्यालय पर भाजपा व बसपा से आए कार्यकर्ताओं को सदस्यता दिलाने के बाद आज अखिलेश ने उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वर्तमान समय में यहां कोई कानून-व्यवस्था नहीं है। महिलाओं के खिलाफ अपराध में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सपा प्रमुख ने कहा कि महिला उत्पीड़न के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। गृह मंत्रालय को इसका संज्ञान लेना चाहिए और समय-समय पर राज्य की कानून-व्यवस्था की समीक्षा करनी चाहिए।
सपा सुप्रीम ने कहा कि 2024 का चुनाव लोकतंत्र को बचाने का चुनाव है। यह चुनाव संविधान को बचाने का है। जिस यूपी की जनता ने पहले भाजपा का स्वागत किया है अब वही इसकी विदाई करने का भी काम करेंगे। भाजपा पीडीए की भर्ती लोकप्रियता से घबरा गई है। इस बार इनकी हार सुनिश्चित है।
अखिलेश ने बताया कि सपा को इलेक्टोरल बांड के माध्यम से एक बार में ढाई करोड रुपए मिले हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को भी इसका खुलासा करना चाहिए और एसबीआइ को पूरी डिटेल देनी चाहिए। अखिलेश यादव ने मायावती के लोकसभा चुनाव में अकेले लड़ने का स्वागत किया और उन्हें धन्यवाद दिया।
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गौरतलब है कि शनिवार को डॉक्टर सीताराम राजपूत भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में अपने समर्थकों के साथ शामिल हो गए। इसके अतिरिक्त आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लटेश विधुरी परवेज आलम बसपा के इलियास अंसारी, कुशीनगर, पूर्व विधायक सुभाष चंद्र श्रीवास्तव सहित कई अन्य लोगों ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली।
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