आरयू ब्यूरो, लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने गुरुवार को किसानों के विरोध प्रदर्शन के मुद्दे पर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा। सपा सुप्रीमो ने कहा कि उन्हें किसानों की कोई परवाह नहीं है। साथ ही कहा कि किसी भी सरकार को किसानों के साथ अन्याय नहीं करना चाहिए और इसलिए अन्नदाताओं की मांगों पर चर्चा होनी ही चाहिए।
मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “जहां तक किसानों का सवाल है, भाजपा को उनकी परवाह नहीं है। हमें जमीन से अपनी व्यवस्था में सुधार करना होगा, किसानों को समृद्ध बनाना होगा, लेकिन भाजपा ऊपर से अर्थव्यवस्था देखती है और बड़े लोगों को अमीर बनाती है… कहीं भी कोई सरकार किसानों के साथ अन्याय नहीं कर सकती , उनकी मांगों पर चर्चा होनी चाहिए।”
इस दौरान सपा प्रमुख ने कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर भाजपा नीत उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि इस सरकार के तहत राज्य की महिलाएं और बेटियां सबसे ज्यादा “असुरक्षित” हैं। आप कल्पना भी नहीं कर सकते कि प्रयागराज में एक लड़की के साथ क्या हुआ। उसकी आंखें फोड़ दी गईं, उसके साथ बलात्कार किया गया। भाजपा के अपने आंकड़े बताते हैं कि उनकी सरकार में उत्तर प्रदेश में महिलाएं और बेटियां सबसे असुरक्षित हैं। क्या यही भाजपा की कानून-व्यवस्था के प्रति जीरो टॉलरेंस है?
इससे पहले आज, किसान मजदूर संघर्ष समिति के सतनाम सिंह पन्नू ने संभू और खन्नौर सीमाओं से किसानोंको बेदखल करने के लिए केंद्र और पंजाब राज्य सरकार दोनों की निंदा की । साथ ही कहा, “हम मोदी सरकार के साथ मिलकर या उसके आदेश पर भगवंत मान सरकार द्वारा किसानों के खिलाफ की गई कार्रवाई की निंदा करते हैं । भगवंत मान सरकार और मोदी सरकार को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
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बता दें कि हरियाणा पुलिस ने गुरुवार सुबह विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने के लिए लगाए गए कंक्रीट के बैरिकेड्स हटाना शुरू किया। इससे पहले बुधवार को पंजाब पुलिस ने देर शाम धरना स्थल को खाली करा दिया और अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे किसानों को हटा दिया। बुधवार को पुलिस ने कई किसान नेताओं को हिरासत में लिया, जिनमें अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे जगजीत सिंह दल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर शामिल हैं।