आरयू ब्यूरो, लखनऊ। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा है कि योगी सरकार में उत्तर प्रदेश की चिकित्सा सेवाएं पटरी से उतर चुकी हैं। भाजपा की बहुप्रचारित आयुष्मान भारत योजना में भी गरीबों का इलाज मजाक बन गया है। अस्पतालों से बिना इलाज और दवाइयों के मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है। अस्पतालों की ओपीडी में भीड़ तो रोज होती है, लेकिन मरीज देखने वाले डाक्टर नहीं आते हैं।
उत्तर प्रदेश कि स्वस्थ्य सेवाओं को लेकर योगी सरकार पर हमला जारी रखते हुए आज अखिलेश ने कहा कि जनऔषधि केंद्र दिखावा साबित हो रहे हैं। अस्पतालों में अव्यवस्था का बुरा हाल है। गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के इलाज में तमाम बाधाएं डाली जाती है।
बजट खत्म हो जाने से बंद हो गया केजीएमयू में असाध्य रोगों का इलाज
केजीएमयू की व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में असाध्य रोगों का इलाज बजट खत्म हो जाने से बंद हो गया है। दवाएं एवं इम्प्लांट आदि सप्लाई करने वाले उधारी ज्यादा होने से बीच में सप्लाई रोक देते हैं। इसका खामियाजा मरीजों को ही उठाना पड़ता है। समाजवादी सरकार में एक रुपये के पर्चे पर असाध्य रोगों हार्ट, किडनी, लीवर और कैंसर के मुफ्त इलाज और जांच की व्यवस्था की गई थी। चक गंजरिया इलाके में कैंसर अस्पताल की स्थापना की गई थी। भाजपा राज में यह अस्पताल योगी सरकार की उदासीनता की भेंट चढ़ गया है।
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इतना ही नहीं केजीएमयू से विशेषज्ञ डाक्टर सेवाएं छोड़कर जा रहे हैं। कई विभागों में पद मंजूर हुए, लेकिन उनका अता-पता नहीं है। कई विभाग कागजों पर चल रहे हैं। आए दिन डाक्टरों, रेजीडेंट्स और मरीज के तीमारदारों के बीच झगड़ें होते रहते हैं। वहां स्वस्थ माहौल नहीं रह गया है।