आरयू ब्यूरो, प्रयागराज। संभल की शाही जामा मस्जिद केस में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है, जिससे मुस्लिम पक्ष यानी कि जामा मस्जिद कमेटी को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने मस्जिद की रंगाई-पुताई कराने की इजाजत दे दी है। हाई कोर्ट उच्च न्यायालय ने मस्जिद कमेटी की अर्जी आंशिक रूप से स्वीकार कर ली है। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने ये आदेश दिया है। अब अगली सुनवाई आठ अप्रैल को होगी।
साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि एएसआइ मस्जिद के उन हिस्सों में सफेदी करेगा जहां इसकी जरूरत है। आज से एक हफ्ते में मस्जिद में रंगाई पुताई का काम करना होगा। जबकि रंगाई पुताई का खर्चा मस्जिद कमेटी वहन करेगी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि मस्जिद की बाहरी दीवार पर लाइटनिंग भी लगाई जा सकती है, लेकिन बिना किसी ढांचे को नुकसान पहुंचाए।
वहीं संभल शाही जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने इसे अपनी बड़ी जीत बताया है और हाई कोर्ट का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट में मस्जिद पक्ष की जीत हुई है।
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दरअसल रंगाई पुताई की मांग को लेकर मस्जिद कमेटी ने याचिका दाखिल की थी। एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मस्जिद की रंगाई पुताई की जरूरत नहीं है। हिंदू पक्ष ने भी रंगाई पुताई के नाम पर हिन्दू कलाकृतियों को मिटाने का आरोप लगाते हुए आपत्ति की। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने एएसआइ को मस्जिद के बाहरी हिस्से की जांचकर रिपोर्ट देने को कहा। कोर्ट ने पूछा है कि एएसआइ बताए कि विवादित इमारत के बाहरी हिस्से की रंगाई पुताई की जरूरत है या नहीं, जिसे आज कोर्ट ने रंगाई पुताई की इजाजत दे दी है।