अंबाला एयर बेस पर औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल हुए पांच राफेल जेट, रक्षामंत्री ने बताया ऐतिहासिक क्षण

अंबाला एयर बेस
अंबाला एयर बेस पर मौजूद राफेल जेट।

आरयू वेब टीम। भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी विवाद के बीच गुरुवार को भारतीय वायुसेना को नई ताकत मिली। फ्रांस से आए पांच राफेल लड़ाकू विमान औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ ही फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली भी अंबाला एयरबेस पर मौजूद रहीं।

इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संबोधन में इशारों-इशारों में चीन को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि हमारी संप्रभुता पर नजर रखने वालों के लिए राफेल का इंडक्शन अहम है। उन्होंने कहा कि हम किसी भी परिस्थिति में अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं करेंगे। राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि वायुसेना में राफेल का शामिल होना एक ऐतिहासिक क्षण है।

उन्‍होंने आगे कहा कि इस अवसर पर मैं अपनी आर्म्स फोर्सिज सहित सभी देशवासियों को बधाई देता हूं। हम दोनों ने एक दूसरे को समझा है। भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक भागीदारी है जो समय के साथ मजबूत हो रही है। मजबूत लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था और सम्पूर्ण विश्व में शांति की कामना, हमारे आपसी संबंधो के आधार हैं। अपनी हालिया विदेश यात्रा में, मैंने भारत के दृष्टिकोण को दुनिया के सामने रखा। मैंने सभी को किसी भी परिस्थिति में अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं करने के अपने संकल्प के बारे में अवगत कराया। हम इसके लिए हर संभव कोशिश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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राफेल लड़ाकू विमान की भारतीय वायुसेना के बेड़े में एंट्री पूरी प्रक्रिया के साथ हुई, जहां सबसे पहले सर्वधर्म पूजा की गई, जिसके बाद फ्लाईपास्ट किया गया। इस दौरान तेजस, सुखोई समेत कई अन्य वायुसेना के विमानों ने एयर शो में हिस्सा लिया और अंच में वाटर कैनेन सैल्यूट के साथ राफेल लड़ाकू विमान को सलामी दी गई।

बताते चलें कि फ्रांस से 29 जुलाई को पांच राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंचे थे, लेकिन आधिकारिक रूप से ये आज वायुसेना में शामिल हुए हैं। इस दौरान अंबाला के एयरबेस पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया भी मौजूद रहे। वायुसेना को फ्रांस से कुल 36 लड़ाकू विमान मिलने हैं, जिनकी पहली किस्त में पांच विमान मिले हैं। वायुसेना में राफेल लड़ाकू विमान को गोल्डन एरो 17 स्कवाड्रन में शामिल किया जाएगा। इसी स्क्वाड्रन ने कारगिल के युद्ध में पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए थे। ऐसे में अब एक बार फिर अंबाला एयरबेस पर इनकी मौजूदगी दुश्मन को हैरान कर सकती है।

राफेल लड़ाकू विमान का कॉम्बैट रेडियस 3700 किलोमीटर है, साथ ही ये दो इंजन वाला विमान है जिसको भारतीय वायुसेना को दरकार थी। राफेल में तीन तरह की मिसाइल लगाई जा सकती हैं। चीन के साथ लद्दाख में जारी तनाव के बीच राफेल वायुसेना में आया है, जिसका एक फायदा ये भी है कि राफेल ओमनी रोल लड़ाकू विमान है। यह पहाड़ों पर कम जगह में उतर सकता है। इसे समुद्र में चलते हुए युद्धपोत पर उतार सकते हैं।

भारत को कुल 36 राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस से मिलने हैं, जिसकी ये पहली किस्त है। अगले महीने पांच और राफेल विमान आ सकते हैं, जबकि सितंबर 2022 तक सभी 36 विमान भारत पहुंचेंगे। भारत सरकार ने फ्रांस सरकार के साथ गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट समझौता किया था।

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