अमेरिका में पढ़ाई कर रही होनहार छात्रा की यूपी में छेड़खानी के दौरान दर्दनाक मौत, मिली थी 3.80 करोड़ की स्कॉलरशिप

सुदीक्षा भाटी
सुदीक्षा भाटी। (फाइल फोटो)

आरयू वेब टीम। तमाम दिक्‍कतों के बाद भी 3.80 करोड़ की स्कॉलरशिप हासिल कर अमेरिका में पढ़ाई कर रही 19 वर्षीय एक होनहार छात्रा यूपी में छेड़खानी की भेंट चढ़ गयी है। यूपी के बुलंदशहर में चाचा के साथ जा रही छात्रा का छेड़खानी के दौरान एक्सिडेंट हो गया, जिसमें उसकी मौत हो गयी। सुनहरे भविष्‍य के लिए मेहनत कर रही छात्रा की इस तरह से हुई मौत ने उसके परिजनों के साथ ही गांववालों को भी गमगीन कर दिया है। फिलहाल बुलंदशहर पुलिस ने शव को पोस्‍टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ ही शोहदों की तलाश शुरू कर दी है।

बताया जा रहा है कि ग्रेटर नोएडा के बादलपुर कोतवाली क्षेत्र के दादरी गांव निवासी सुदीक्षा भाटी (19) बाइक से अपने चाचा के साथ गौतम बुद्ध नगर जिले में दादरी स्थित अपने गांव से अपने चाचा के साथ मोटरसाइकिल पर बुलंदशहर के सिकंदराबाद जा रही थी, जहां उन्हें सुदीक्षा के पुराने स्कूल से कुछ कागजात लेने थे। इसी दौरान बुलंदशहर-औरांगबाद रोड पर बुलेट मोटरसाइकिल सवार शाहदों ने पीछे से उसके साथ छेड़खानी शुरू कर दी।

भतीजी को बचाने के चक्‍कर में चाचा ने बाइक की स्‍पीड तेज की तो शोहदे स्‍टंट करने लगे। तभी बाइक की बुलेट से टक्‍कर हो गयी और दीक्षा व उसके चाचा सड़क पर गिर पड़े, इस दौरान सुदीक्षा का सिर जमीन से जा टकराया जिसके चलते उसकी मौत हो गयी, जबकि चाचा को भी चोटें लगी। वहीं घटना के बुलेट सवार शोहदे मौके से भाग निकले।

सुदीक्षा भाटी

उल्‍लेखनीय है कि सुदीक्षा के पिता परचून की दुकान चलातें हैं। वहीं दीक्षा ने तमाम दिक्‍कतों के बावजूद बुलंदशहर के विद्या ज्ञान स्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की थी। इंटर में उसने 98 प्रतिशत अंक हासिल किए थे।

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स्कूल में उच्च स्तर की पढ़ाई के लिए फॉर्म भरवाए गए थे। छात्रा का अमेरिका की नामी बोस्टन यूनिवर्सिटी में बीबीए के लिए चयन हो गया था। सुदीक्षा ने अमेरिकी सरकार से स्कॉलरशिप के लिए आवेदन किया था। दीक्षा की प्रतिभा से प्रभावित होकर अमेरिका की सरकार ने उसे 3.80 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप दी थी। सामान्य परिवार की छात्रा ने स्कॉलरशिप हासिल कर परिवार, क्षेत्र और समाज का नाम रोशन किया था। वह जुलाई, 2018 में अमेरिका गई थी। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने उनका सम्मान भी किया था।

कोरोना वायरस के कारण सुदीक्षा 14 मार्च को अमेरिका से भारत आ गई थीं। तब से अपने घर पर ही थीं। 16 अगस्त को उन्हें वापस अमेरिका जाना था। सुदीक्षा के पिता परचून की दुकान चलाकर परिवार का पालन पोषण कर रहे थे। सुदीक्षा की तीन बहन और दो भाई हैं। वह सबसे बड़ी थी। सभी को उम्मीद थी कि पढ़ाई पूरी करने के बाद वह घर की जिम्मेदारी संभालेंगी। तीन साल की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी, लेकिन सुदीक्षा की मौत ने परिवार के सपनों को चकनाचूर कर दिया।

लड़कियों को शिक्षित करना चाहती थीं सुदीक्षा

सुदीक्षा एक साधारण परिवार से निकलकर शिक्षा के दम पर अमेरिका तक पहुंच गई थीं। वह गांव और देश की अन्य लड़कियों को भी शिक्षित करना चाहती थीं। यही कारण था कि अमेरिका से आने पर वह गांव की लड़कियों को पढ़ाती थीं। परिजनों से कहती थी कि 20 साल की एक योजना बनाई है। एनजीओ बनाकर गांव और देश की लड़कियों को शिक्षित करने का काम करेंगी। सुदीक्षा का कहना था कि अगर लड़कियां शिक्षित हो जाएंगी तो देश की कई समस्याओं का समाधान हो जाएगा।

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