आरयू वेब टीम। कोरोना वायरस के संकट के बीच चक्रवात तूफान एम्फन ने कहर बरपा दिया है। एम्फन से पश्चिम बंगाल में अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है। गुरुवार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा, मैंने ऐसी आपदा पहले कभी नहीं देखी। मैं प्रधानमंत्री से राज्य का दौरा करने और स्थिति का जायजा लेने का अनुरोध करती हूं।
मुख्यमंत्री ने तूफान के चलते जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया है। पश्चिम बंगाल में एम्फन ने भारी तबाही मचाई है। इससे पहले ममता बनर्जी ने कहा है कि ऐसा तूफान 283 साल पहले 1737 में आया था। बनर्जी ने कहा कि तूफान के कारण कई इलाके तबाह हो गए हैं, संचार बाधित हो गया है। चक्रवात के कारण दक्षिण और उत्तर 24 परगना लगभग पूरी तरह से तबाह हो गए हैं।
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कोलकाता में भी भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रशासन अलर्ट पर है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। पश्चिम बंगाल सीएम ने कहा है कि तूफान में करीब करीब एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। एम्फन तूफान पश्चिम बंगाल की खाड़ी में दोपहर करीब 3.30 से 5.30 बजे के बीच लैंडफॉल शुरू हुआ। बंगाल के दीघा इलाके और बांग्लादेश के हटिया द्वीप के बीच दोपहर तीन बजे तूफान ने दस्तक दी, जिसके बाद घंटों इसने कहर बरपाया। ओड़िशा और पश्चिम बंगाल में इसने तबाही मचाई है।
पश्चिम बंगाल में तूफान ने भारी तबाही मचाई है। कोलकाता में सड़कों पर पाना भरा हुआ है और पेड़ उखड़ जाने के चलते रास्ते बंद हैं। हजारों मकान भी उजड़ गए हैं। कच्चे मकान पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। पक्के मकानों की भी छतें उड़ गई हैं।
ओडिशा के केंद्रपाड़ा, बालासोर, भद्रक में तूफान ने तबाही मचाई है। यहां तेज हवा पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए। राज्यों के प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें राहत के काम में लगी हैं। लाखों लोगों को प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।