अनोखी पहल: छात्रों की सुरक्षा और आपसी भाईचारा बनाए रखने के लिए चाचा नेहरू मदरसे के प्रांगण में होगा मंदिर-मस्जिद का निर्माण

गंगा-जमुनी
सलमा अंसारी। (फाइल फोटो)

आरयू संवाददाता, अलीगढ़। अलीगढ़ के एक मदरसा प्रशासन ने हिंदुस्तान की गंगा-जमुनी तहजीब को मजबूत करने के लिए अपने परिसर में अगल-बगल मंदिर और मस्जिद स्थापित करने का फैसला किया है। अल नूर चैरिटेबल सोसायटी द्वारा संचालित इस मदरसे में पढ़ने वाले मुस्लिम और हिंदू छात्रों की सुविधा के लिए यह निर्णय लिया गया है। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्‍नी सलमा अंसारी ने कहा कि देश में इस तरह का यह पहला मदरसा होगा, जहां एक ही प्रांगण में मंदिर और मस्जिद दोनों होंगे।

सोसायटी की सचिव और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्‍नी सलमा अंसारी ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनके ‘चाचा नेहरू’ मदरसे में करीब 4000 मुस्लिम और लगभग 1000 हिंदू छात्र पढ़ते हैं। वहीं इस फैसले के पीछे सबसे बड़ा उद्देश्‍य छात्रों की सुरक्षा का है। उन्‍होंने कहा कि “देश तथा प्रदेश में आज का माहौल ठीक नहीं है। हॉस्टल से बाहर छात्र मंदिर दर्शन करने नमाज पढ़ने के लिए जाते हैं। ऐसे में किसी बच्चे के साथ कुछ हो गया तो इसलिए ये कदम उठाया गया है।

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सलमा के अनुसार, वह यहां के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करने वाले हिन्दू व मुस्लिम बच्चों की सुरक्षा की खातिर यह मंदिर बनवा रही हैं। दो महीनों में मदरसा में मंदिर और साथ ही मस्जिद बनकर तैयार हो जाएंगे।। इस मंदिर में शिवजी और हनुमानजी की मूर्तियां होंगी।”

वहीं दूसरी ओर इस पहल से जहां एक ओर आज जब मॉब लिंचिंग के जरिए नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है ऐसे में चाचा नेहरू मदरसा भाईचारे की मिसाल माना जा सकता है और मदरसा प्रशासन परिसर में मंदिर और मस्जिद का निर्माण कराकर आपसी मोहब्बत के इस बंधन को और मजबूत करना चाहता है।

गौरतलब है कि सलमा अंसारी ने अलीगढ़ के भबोला में करीब दो दशक पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय के बिल्कुल नजदीक चाचा नेहरू मदरसे की स्थापना की थी। उस वक्त हामिद अंसारी विश्‍वविद्यालय के कुलपति थे।

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