आरयू वेब टीम। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति मामले में अंतरिम जमानत के लिए बुधवार को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सिसोदिया ने पत्नी की बीमारी के आधार पर अंतरिम जमानत मांगी है। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने अपनी नियमित जमानत याचिका के साथ गुरुवार को विचार के लिए याचिका को सूचीबद्ध करते हुए सीबीआई से कहा कि वह उसी दिन मामले में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का प्रयास करे।
पिछले हफ्ते, राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 12 मई तक बढ़ा दी थी। कोर्ट ने सीबीआई को सिसोदिया को पूरक आरोप-पत्र की ई-कॉपी मुहैया कराने का भी निर्देश दिया था। सिसोदिया के वकील ने दावा किया कि जांच एजेंसी ने मामले में अधूरी जांच रिपोर्ट दायर की है और अदालत से उनके मुवक्किल को डिफॉल्ट जमानत देने का आग्रह किया। जांच एजेंसी ने 25 अप्रैल को चार्जशीट दायर की थी।
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सीबीआइ ने 26 अप्रैल को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया था कि जिस आबकारी नीति घोटाले की वह जांच कर रही है, वह एक गहरी साजिश है और यह उतना सरल नहीं है जितना दिखाया गया है। जस्टिस नागपाल ने 29 अप्रैल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मामले में सिसोदिया की हिरासत आठ मई तक बढ़ा दी थी। एक दिन पहले, न्यायाधीश ने सिसोदिया को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था कि सबूत प्रथम ²ष्टया अपराध में उनकी संलिप्तता के बारे में हैं।