आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज एक बार फिर एससी-एसटी एक्ट को लेकर भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारों पर गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर हमला बोला है। मायावती ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्य सरकारों द्वारा जारी एससी-एसटी एक्ट मामले में आदेशों का हवाला देते हुए एक बयान जारी कर कहा कि इन सरकारों द्वारा जारी किया गया यह आदेश बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दलित विरोधी मानसिकता व पाखंड को दिखाता है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने बीजेपी सरकार के काम की घोर निंदा करने के साथ ही इस मामले में केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर होने के बावजूद राज्य सरकारों के उठाए कदम को मायावती ने अपनी ही केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के प्रति अविश्वास व्यक्त करने वाला बताया है।
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बसपा प्रमुख ने राज्य सरकारों के इस फैसले को बीजेपी की राज्य व केंद्र सरकारों के बीच तालमेल की कमी करार दिया है। साथ ही उन्होंने मोदी सरकार से एससी-एसटी एक्ट को उसके पुराने रूप में बहाल करने के लिए तत्काल अध्यादेश लाने की मांग भी की है।
वहीं हैदराबाद मक्का मस्जिद के मामले मे बोलते हुए मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार देश में कानून का राज्य नहीं चाहती। उन्होंने भाजपा पर केंद्रीय एजेंसियों को राजनीतिक स्वार्थ के तहत इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कहा की यह जो नीति अपनाई गई है, वह देश में जंगलराज को बढ़ावा देने लगी है। इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी नेताओं के ऊपर से आपराधिक मामले वापस लेने वाले फैसले को इतिहास का काला अध्याय बताया।