आरयू ब्यूरो, लखनऊ। जनेश्वर मिश्रा पार्क के पास एएसपी श्वेता श्रीवास्तव के मासूम बेटे नैमिष को एसयूवी से टक्कर मारने के मामले में मुख्य आरोपित 19 वर्षीय सार्थक सिंह के साथ गोमतीनगर विस्तार पुलिस ने आज उसके 20 वर्षीय दोस्त देवश्री वर्मा और सार्थक के पिता रवींद्र सिंह को भी जेल भेज दिया है। रवींद्र सिंह उर्फ पप्पू सपा के पूर्व जिला पंचायत सदस्य हैं। पुलिस के अनुसार घटना के समय दोनों दोस्त आपस में तेज गाड़ी चलाने की शर्त लगा रहे थे, जबकि मासूम की मौत के बाद मुख्य आरोपित के पिता रवींद्र सिंह ने कार न सिर्फ धुलवाकर साक्ष्य मिटाने की कोशिश की थी, बल्कि वाहन को छिपाते हुए दोनों दोस्तों को भी भगाने में सहायता की थी। इस वजह से उन्हें भी इस घटना में अभियुक्त बनाया गया है।
डीसीपी पूर्वी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपितों से पूछताछ में पता चला है कि इंदिरानगर निवासी देवश्री वर्मा के कानपुर निवासी चाचा अंशुल वर्मा ने दो महीना पहले एसयूपी 700 खरीदी थी। वह एक शादी में शामिल होने के लिए लखनऊ आए थे। देवश्री और सार्थक तेज स्पीड में एसयूवी चलाकर उसकी रफ्तार चेक करना चाहता था। इसके लिए सोमवार रात ही देवश्री ने चाचा से एसयूवी की चाभी ले ली थी। मंगलवार तड़के वह गाड़ी लेकर इंदिरानगर में ही रहने वाले अपने दोस्त सार्थक के पास पहुंचा और उसे लेते हुए देवश्री तेज गति में गाड़ी लेकर जी-20 रोड पहुंचा इस दौरान एक मां-बेटी भी गाड़ी से टकराते-टकराते बची।
डीसीपी ने बताया कि वापसी में सार्थक जी-20 रोड पर एसयूवी चला रहा था, जबकि साथ बैठा देवश्री बार-बार उसे यह कहकर उकसा रहा था कि वह उससे तेज गाड़ी नहीं चला सकता। इसी तेज रफ्तार अनियंत्रित एसयूवी से सार्थक ने फुटपाथ पर जा रहे एएसपी के मासूम बेटे को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौत हो गयी।
डीसीपी ने बताया कि घटना के मुख्य आरोपित सार्थक सिंह ने इसके बाद घर जाकर पिता रवींद्र सिंह को जानकारी दी तो उन्होंने पुलिस को सूचना देने की जगह गाड़ी घुलवाकर उसे छिपाने का प्रयास किया और फिर दोनों आरोपितों को भगाने में सहायता की। इसी वजह से सार्थक के पिता रवींद्र सिंह के खिलाफ पुलिस ने आइपीसी की धारा 201 के तहत कार्रवाई की है। इसके अलावा इस मामले में किसी अन्य की भी संलिप्ता पाई जाती है तो पुलिस उसके खिलाफ भी कार्रवाई करेगी।
गाड़ी धुलवाकर मिटाए खून के धब्बे
पुलिस के अनुसार सार्थक और देवश्री ने रवींद्र को पूरी घटना के बारे में बताया। इस पर रवींद्र ने दोनों से कहा, तुम लोगों के पास लाइसेंस नहीं है। इसकी जानकारी किसी को मत देना। रवींद्र ने दोनों युवकों के साथ मिलकर गाड़ी को धुलवाया और खून के धब्बे साफ कराए। इसके बाद गाड़ी को डेंटिंग करवाने के लिए इंदिरानगर में एक सुरक्षित स्थान पर छिपा दिया। इस बीच गोमतीनगर विस्तार पुलिस आरोपितों तक पहुंच गई। शुरूआती पूछताछ में रवींद्र सिंह ने घटना होने से साफ मना कर दिया। इसके अलावा सार्थक का पिता होने तक से भी इनकार कर दिया था, लेकिन पुलिस के पैंतरों और सवालों के आगे सच्चाई ज्यादा देर छिपी नहीं रह सकी।
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बताते चलें कि मंगलवार की तड़के जी-20 रोड पर तेज रफ्तार वाहन की टक्कर से एएसपी श्वेता श्रीवास्तव के नौ साल के इकलौते बेटे नैमिष की मौत हो गयी थी। दुर्घटना के बाद चालक वाहन लेकर भागने में सफल हो गया था। जिसकी तलाश में पुलिस की पांच टीमें लगायी गयी थी और सीसीटीवी फुटेज के सहारे से कुछ ही घंटों में वाहन को चिन्हित करने के साथ ही पुलिस ने सार्थक व देवश्री को कल ही गिरफ्तार कर लिया था, जबकि उसके पिता को पुलिस ने आज गिरफ्तार किया। गोमतीनगर विस्तार पुलिस ने तीनों का चालान कर उन्हें आज कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
हादसे से सबक ले पुलिस लगाएगी जिग-जैग बैरियर, अभियान शुरू
मासूम नैमिष की मौत के बाद पुलिस रफ्तार से आम लोगों की जान लेने वालों के खिलाफ सख्ती करते हुए अभियान शुरू कर दिया है। डीसीपी ने बताया कि पुलिस उन सड़कों पर अभियान चलाने जा रही जहां ट्रैफिक लोड कम रहता है जैसे लोहिया पथ, ताज होटल से जनेश्वर पार्क जाने वाली सड़क, जी-20 रोड आदि। इन सड़कों पर परमानेंट जिग-जैग बैरियर लगाया जाएगा। जिससे कि यहां वाहनों की स्पीड नियंत्रित रहें। साथ ही तेज रफ्तार में वाहन चलाने वालों की गिरफ्तारी की जाएगी और उनके वाहन सीज किए जाएंगे। पुलिस टीमें गठित कर यह अभियान सुबह के समय चलाएगी। साथ जो लोग तेज आवाज वाले साइलेंसर लगाकर बाइक चलाते है उनपर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।