आरयू वेब टीम। असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर कल बड़ी हिंसा हुई। इस हिंसा में असम पुलिस के पांच जवान शहीद हो गए। वहीं 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इस हिंसा को लेकर अब विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने हिंसा को लेकर अमित शाह पर तंज कसा ने के साथ ही सवाल किया है।
ओवैसी ने मंगलवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से ट्वीट कर कहा है, ‘’मिजोरम-असम सीमा पर अचानक हिंसा इतनी बढ़ गई कि असम पुलिस के छह कर्मी शहीद हो गए और कई लोग घायल। 24-25 जुलाई की बात है कि वजीर-ए-दाखला ने नार्थ-ईस्ट क्षेत्र का दौरा किया था। जहां उन्होंने मोदी सरकार की तारीफों के पुल बांधे थे। अमित शाह के दौरे के फौरन बाद इतनी बड़ी घटना कैसे घटी?’’
गौरतलब है कि असम में भाजपा की सरकार है, जबकि मिजोरम में बीजेपी नीत पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (नेडा) में शामिल मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की सरकार है। असम का आरोप है कि मिजोरम के लोगों ने गोलीबारी की और मिजोरम का आरोप है कि असम पुलिस के जवानों ने आम नागरिकों पर फायरिंग की। असम के बराक घाटी के जिले- कछार, करीमगंज और हैलाकांडी, मिजोरम के तीन जिलों- आइजोल, कोलासिब और मामित के साथ 164 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। एक क्षेत्रीय विवाद के दौरान अगस्त 2020 और फरवरी में भी अंतर-राज्यीय सीमा पर झड़पें हुईं थीं। असम और मिजोररम दोनों पहाड़ी इलाके हैं।
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बता दें कि अमित शाह ने पूर्वोत्तर के आठों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत में सीमा विवादों को सुलझाने की आवश्यकता को रेखांकित किया था, जिसके दो दिन बाद यह घटना सामने आई है। घटना के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा के साथ टेलीफोन पर अलग-अलग बातचीत के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे अंतरराज्यीय सीमा पर शांति बनाए रखने को कहा।
गृह मंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि सीमा विवाद को आपसी सहमति से हल करें। दोनों मुख्यमंत्रियों ने गृह मंत्री को आश्वासन दिया है कि शांति सुनिश्चित करने और सीमा मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।