आरय ब्यूरो, लखनऊ। पिछले महीन से यूपी समेत देशभर में शुरू हुआ हादसों का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। इसी क्रम में अब अयोध्या के अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा के दौरान भगदड़ मचने की चिंताजनक खबर सामने आयी है। बीती रात करीब दो बजे परिक्रमा के दौरान हनुमान गुफा के पास भगदड़ मचने से करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए है, जिनमें पांच लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। उपचार के दौरान एक महिला की हालत गंभीर बनी हुई
बताया जा रहा है कि देर रात भगदड़ मचने के बाद कुछ घायलों को राजकीय श्रीराम अस्पताल अयोध्या ले जाया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उनको घर भेज दिया गया। गंभीर रूप से घायल पांच महिलाओं को जिला चिकित्सालय भेजा गया। जिसमें से एक महिला की हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उसे केजीएमयू के ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया।
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मिली जानकारी के अनुसार घायलों में बिट्टी पत्नी साधु राम अवस्थी निवासी किशनगंज जिला बहराइच, रामादेवी पत्नी आज्ञाराम त्रिवेदी निवासी बहराइच, कीर्ति कुमारी पत्नी राम नरेश मिश्रा निवासी पखरपुर जिला बहराइच, कल्याना पत्नी रामकेवल निवासी रामापुर थाना फखरपुर जिला बहराइच, सावित्री पत्नी सुंदरलाल निवासी नौसहरा जनपद बहराइच, भगदड़ में घायल हुईं हैं। जिन्हें एंबुलेंस से रात करीब साढ़े तीन0 बजे जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां इमरजेंसी ड्यूटी कर रहे डॉक्टर शिशिर श्रीवास्तव ने घायलों को भर्ती कर उपचार शुरू किया। सावित्री की हालत गंभीर देखते हुए लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया है। अन्य चार महिलाओं का उपचार जनरल वार्ड में चल रहा है।
नुक्कड़ पर नियुक्त मजिस्ट्रेट लक्ष्मण प्रसाद ने मीडिया को बताया कि अफरा-तफरी के बीच पुलिस को तत्काल सक्रिय किया गया और एंबुलेंस की मदद से बेहोश श्रद्धालुओं को चिकित्सालय पहुंचाया गया। चिकित्सकों ने बताया कि सांस लेने में दिक्कत और घबराहट की वजह से बुजुर्ग श्रद्धालुओं को कुछ दिक्कत हुई है।
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बीच 14 कोसी परिक्रमा अन्य किसी गतिरोध के बिना आगे बढ़ती रही। परिक्रमा का मुहूर्त तो मध्य रात्रि के बाद 12:47 बजे से था, लेकिन श्रद्धालु मुहूर्त से घंटों पूर्व पूरे उत्साह के साथ परिक्रमा मार्ग पर आगे बढ़ते रहे । मुहूर्त शुरू होने के बाद तो रामनगरी के 42 कोस की परिधि में तिल तक रखने की जगह नहीं बची। कुछ घंटे तक तो भीड़ के आगे पुलिस भी असहाय दिखी और उसे भीड़ नियंत्रित करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
बताते चलें कि देर रात शुरू हुई परिक्रमा में काफी भीड़ थी। पुलिस-प्रशासन के लोग उसे संभालने में लगे थे, लेकिन इस बीच भगदड़ मचने से कई घायल व बेहोश हो गए। बुधवार को सूर्योदय के साथ भीड़ के दबाव की चुनौती कुछ कम हुई। लोगों का कहना था कि राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण और दो वर्ष तक कोरोना संकट से मुक्ति के बाद परिक्रमा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं।