आरयू वेब टीम। विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी ने गुरुवार को अपना नॉमिनेशन दाखिल कर दिया है। इस मौके पर सोनिया गांधी, शरद पवार, मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी समेत डीएमके सांसद तिरुचि शिवा, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत, सपा के रामगोपाल यादव और गठबंधन के कई अन्य नेता कद्दावर नेता भी मौजूद रहे।
नामांकन पत्र के चार सेट दाखिल किए गए हैं, जिन पर कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, द्रमुक के तिरुचि शिवा समेत 160 सांसदों ने बतौर प्रस्तावक व अनुमोदक हस्ताक्षर किए हैं। रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और गोवा के लोकायुक्त रहे हैं। वह हैदराबाद में स्थित अंतरराष्ट्रीय माध्यस्थम् एवं मध्यस्थता केंद्र के न्यासी बोर्ड के सदस्य भी हैं।
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रेड्डी गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और गोवा के पहले लोकायुक्त भी रह चुके हैं, वे आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं और उन्हें 2007 में सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। रेड्डी का सीधा मुकाबला एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से होगा। दोनों ही प्रत्याशी दक्षिण भारत से हैं।
राधाकृष्णन ने बुधवार को नामांकन दाखिल कर दिया था। नामांकन से पहले यानी बुधवार को ‘इंडिया अलायंस’ के नेताओं ने बी. सुदर्शन रेड्डी के सम्मान में एक अभिनंदन समारोह आयोजित किया था। यह समारोह संसद भवन परिसर के सेंट्रल हॉल में हुआ, जहां रेड्डी को सम्मानित किया गया।
कौन हैं पूर्व जस्टिस-
बी. सुदर्शन रेड्डी भारत की न्यायपालिका के नाम ऐसे हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान न्याय, निष्पक्षता और संवैधानिक मूल्यों को सर्वोपरि रखा। पूर्व जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी ने जिला अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक न्यायिक सेवा में अपनी अमिट छाप छोड़ी। बी. सुदर्शन का जन्म आठ जुलाई 1946 को हुआ।
सुदर्शन रेड्डी ने बी.ए. और एल.एल.बी. की डिग्री प्राप्त की और 27 दिसंबर 1971 को आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में रजिस्टर हुए। उन्होंने हाई कोर्ट में रिट और सिविल मामलों में वकालत की। साल 1988 से 1990 तक उन्होंने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में सरकारी वकील के रूप में कार्य किया। इसके बाद केंद्र सरकार के लिए अतिरिक्त स्थायी वकील के रूप में भी छह महीने सेवा दी। इसके अलावा वे उस्मानिया विश्वविद्यालय के कानूनी सलाहकार और स्थायी वकील भी रहे।




















