आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। महिला एवं बाल विकास आयोग समाज के लिए बहुत जरूरी है। ये न सिर्फ समाज की बेहतरी में अहम भूमिका अदा कर रहा है, बल्कि आयोग महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक एवं लैंगिक शोषण रोककर उनके सशक्तीकरण को बढ़ावा दे रहा है। ये बातें शुक्रवार को उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में आयोजित महिला एवं बाल आयोग के सदस्यों के एक दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यक्रम में कही।
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सरकार के बारे बोलते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि बच्चों और महिलाओं के कल्याण के लिए योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके अलावा महिला संरक्षण गृहों पर पैनी निगाह रखने की जरूरत है, जिससे कोई भी अप्रिय घटना ना होने पाए। उनकी ये भी जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिए बने नियमों एवं कानूनों का पालन सही तरीके से हो। उन्होंने चेताते हुए कहा कि सदस्यों को यह देखना चाहिए कि प्रदेश के बाल कल्याण गृह एवं महिला कल्याण गृह में वैधानिक मापदण्डों का पालन सही तरीके से हो रहा है या नहीं।
‘राइट टू एजुकेशन एक्ट’ का अक्षरशः हो पालन
बच्चों के बारे में बात करते हुए उप मुख्यमंत्री बोले कि बाल आयोग को बच्चों की शिक्षा के लिए बनाए गए ‘राइट टू एजुकेशन एक्ट’ का अक्षरशः पालन कराने व बच्चों के स्वास्थ्य सुधार के लिए आगे बढ़कर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण गृहों की कार्य प्रणाली पर भी नियमित ध्यान देने की जरूरत है जिससे उन्हें और अधिक सशक्त बनाया जा सके, समाज से बालश्रम को पूरी तरह से समाप्त करना होगा और बच्चो को शिक्षित करके उनके संपूर्ण विकास पर बल देना होगा।
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अभिमुखीकरण कार्यक्रम में महिला एवं बाल आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की उपस्थिति में विभिन्न विषयों, जैसे महिला एवं बाल अधिकार संबंधित अधिनियम तथा विभाग द्वारा संचालित योजनाओं, आयोगों के कर्तव्य एवं दायित्वों तथा उनका विभिन्न विभागों के साथ समन्वय पर भी चर्चा की गई। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहें।
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