आरयू वेब टीम। इस साल नौ राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका लगा है। महाराष्ट्र कांग्रेस विधायकदल (सीएलपी) के नेता बालासाहेब थोराट ने मंगलवार को पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने के लिए पत्र लिखा है। थोराट के इस्तीफे की खबर से कांग्रेस में हड़कंप मच गया। इससे पहले बालासाहेब थोराट ने महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के साथ काम करने के साफ इनकार कर दिया था।
इस बारे में जब नाना पटोले से पूछा गया तो उन्होंने इसका जवाब दिया। नाना पटोले ने कहा, “ऐसा कुछ नहीं हुआ है।” नाना पटोले ने कहा कि आज बालासाहेब थोराट का जन्मदिन है। मैं उनके अच्छे होने की कामना करता हूं। वे दीर्घायु हों। मैं उनकी और राजनीतिक सफलता की कामना करता हूं।
शेष मुद्दा बालासाहेब थोराट का इस्तीफा है, लेकिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है। कार्यकारिणी की बैठक प्रत्येक तीन माह में होनी है। इसके बावजूद कुछ लोगों ने इसे साल दर साल नहीं लिया। हालांकि हमने पिछले महीने ही नागपुर में एक क्षेत्रीय कार्यकारिणी की बैठक की थी। अब फिर से इसी तरह की बैठक 15 फरवरी को होगी।
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बता दें कि इस्तीफे से पहले बालासाहेब थोराट ने पार्टी हाईकमान को चिट्ठी लिखकर अपनी बात रखी थी। उन्होंने अपने पत्र में कहा था कि उनके लिए नाना पटोले के साथ काम करना मुश्किल है। यही नहीं महाराष्ट्र कांग्रेस में चल रही खींचतान का पता तब चला जब बालासाहेब थोराट के बहनोई और नासिक के एमएलसी रहे सुधीर तांबे ने पार्टी आलाकमान की मंशा के विपरीत चुनाव लड़ने से मना कर दिया और अपने बेटे सत्यजीत तांबे को भी निर्दलीय चुनाव लड़वाया।