आरयू ब्यूरो, वाराणसी। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को वाराणसी के रेलवे स्टेशन कैंट, बनारस, काशी और बनारस रेल कारखाने का निरीक्षण किया। जहां अश्विनी वैष्णव ने रेल कारखाना में गुणवत्ता बढ़ाने, क्वालिटी पर ध्यान देने एवं नवाचार तथा वाराणसी में ट्रेनों की संख्या बढ़ाने को लेकर अफसरों से वार्ता कर निर्देश दिए।
वहीं बरेका भ्रमण के दौरान आज रेल मंत्री डीएलडब्ल्यू मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं से भी मिले, अपनी समस्याएं बताते हुए मजदूर संघ ने उन्हें 16 सूत्रीय मांग पत्र दिया। जिसमें बरेका में वंदेभारत ट्रेन का निर्माण करना, बरेका में पदों के सरेंडर एवं स्थानांतरण पर तत्काल रोक लगाने, 2004 के पूर्व अप्रेंटिस प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके कर्मचारियों को पुरानी पेंशन में लाने, बरेका में कार्यरत टाइम कीपर के कैडर को अपग्रेडेशन का लाभ देने, लेखा विभाग के कर्मियों के पदोन्नति व अपग्रेडेशन पॉलिसी बरेका में अन्य विभागों की तरह लागू करने, प्रशासन भवन के सामने बंद रेलवे क्रॉसिंग के ऊपर फुट ब्रिज बनाने, प्रशासन भवन के तीन में से दो गेट को पहले की तरह खोलने, बरेका में होलीडे होम बनाने, सूर्य सरोवर पर पहले की तरह अंतिम संस्कार से संबंधित क्रिया कर्म करने, कृषक एक्सप्रेस को बनारस रेलवे स्टेशन से पूर्व की तरह संचालित करने, बरेका इंटर कॉलेज में स्थाई शिक्षकों की बहाली करने, बरेका हॉस्पिटल को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाने और बरेका में टाइप 2 टाइप 3 टाइप 4 के क्वार्टरों की संख्या बढ़ाने की मांग शामिल रहीं।
डीएलडब्ल्यू मजदूर संघ के इस प्रतिनिधि मंडल में राधाबल्लभ त्रिपाठी संगठन मंत्री बीआरएमएस के नेतृत्व में डीएलडब्ल्यू मजदूर संघ के महामंत्री कृष्ण मोहन तिवारी, विभाग प्रमुख काशी राकेश पाण्डेय, नवीन सिन्हा कार्यकारी अध्यक्ष, राहुल पाण्डेय उपाध्यक्ष, अश्विनी यादव उपाध्यक्ष, केसी पाण्डेय, श्याम मोहन, सुरेश सिन्हा, आनंद सिंह, रोहित अलमादी, अंकित, सतीश पाठक, रितेश सिंह, दीपक पटेल, राहुल शर्मा, अनुराग व संतोष तिवारी मौजूद रहें।
वहीं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव शनिवार को काशी रेलवे स्टेशन पहुंचे, जहां पर उन्होंने विकास कार्यों का भी निरीक्षण किया। साथ ही विकास योजनाओं के बारे में जानकारी हासिल की। इसके बाद मंत्री वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि वाराणसी में किस तरह रेलवे की कैपेसिटी बढ़े। साथ ही कहा कि आज वाराणसी के विभिन्न स्टेशनों पर रोज करीब 150 रेल गाड़िया आती हैं। इसे कैसे 400-500 गाड़ी किया, जिससे आने वाले समय में ज्यादा से ज्यादा रेल गाड़ियां चल सकें।
काशी की समृद्ध ऐतिहासिकता देखने आते हैं लोग
केंद्रीय मंत्री ने कहा काशी की समृद्ध ऐतिहासिकता को देखने के लिए लोग आते हैं। इसको हम कैसे बढ़ा सकते हैं, इसकी भी विस्तृत चर्चा की। इसको लेकर बनारस रेलवे स्टेशन, कैंट एवं काशी स्टेशन का एक संयुक्त मास्टर प्लान लॉन्ग टर्म डेवलमेंट के अनुसार तैयार किया जाएगा। आगे बताया कि अरनास कैंट रेलवे स्टेशन से एक तो ट्रैफिक से मुक्ति मिलेगी, दूसरा वाराणसी की जो हेरिटेज एवं संस्कृति है, उसके आधार पर स्टेशन का डेवलपमेंट हो, रेलवे स्टेशन पर नया प्लेटफार्म बना सकें, जिससे नई गाड़ियां ज्यादा से ज्यादा आ सकें। यात्रियों को सुविधा के लिए एक परमानेंट होल्डिंग एरिया बन सके, जो कालोनियां है उनका री-डेवलपमेंट किया जा सके इस विषय पर चर्चा की गई है।
मंत्री ने आगे बताया कि रोपवे का भी काम चल रहा है। रोपवे एवं स्टेशन को इंटीग्रेटेड करके काम करना है। काशी स्टेशन बड़ा हो गया है। अब वहां से कई गाड़ियों का आवागमन किया जा सकें। इसके बाद मंत्री अश्विनी वैष्णव बनारस रेल इंजन कारखाना निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान रेलवे बोर्ड अध्यक्ष सतीश कुमार एवं बरेका महाप्रबंधक सोमेश कुमार उपस्थित थे।
रेल मंत्री ने लोको फ्रेम शॉप, लोको असेम्बली शॉप और लोको टेस्ट शॉप का विस्तृत निरीक्षण किया तथा निर्माण प्रक्रिया से जुड़ी तकनीकी जानकारियां प्राप्त की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कर्मचारियों से संवाद करते हुए लोको निर्माण की बारीकियों पर चर्चा की और विशेष रूप से महिला कर्मचारियों से मिलकर उनका उत्साहवर्धन किया।
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मंत्री ने बरेका कर्मचारियों से लोको निर्माण की गुणवत्ता एवं दक्षता बढ़ाने के लिए सुझाव लिए। इस दौरान रेल मंत्री ने कर्मचारियों से गुणवत्ता पर ध्यान देने के लिए सख्त निर्देश दिया उन्होंने कहा कि क्वालिटी से किसी प्रकार का कोई समझौता न हो।
मंत्री ने कर्मचारियों से बरेका में किस तरह और काम किया जा सके। इस विषय पर लेकर करीब दस मिनट तक संवाद भी किया। कर्मचारियों द्वारा दिए गए उपयोगी सुझावों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि लोको निर्माण में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। बरेका की पहचान उच्च गुणवत्ता और नवाचार से बनी रहनी चाहिए।



















