आरयू संवाददाता,
लखनऊ। पीजीआइ इलाके के तेलीबाग में बेरोजगारी से परेशान एक युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी। मृतक के पास से पुलिस को मिले सुसाइड नोट में उसने अपनी मौत की वजह बेरोजगारी बतायी है। वहीं युवक ने जान देने से पहले अपने परिजनों और परिचितों को व्हाट्सएप्प कर हमेशा के लिए छोड़कर जाने की बात कही है। इकलौते बेटे की मौत से परिजनों में कोहराम मचा है।
बताया जा रहा है कि मूल रूप से गोण्डा जिले के निवासी शमशेर सिंह की पत्नी शीला अपनी तीन बेटी नीतू, गुडि़या व आरती के अलावा इकलौते बेटे आशीष (23) के साथ तेलीबाग में रहती हैं। जबकि शमशेर गोण्डा में ही रहकर किसानी करते हैं। आशीष बीसीए करने के बाद से नौकरी की तलाश कर रहा था।
घरवालों के साथ खाया खाना
शुक्रवार की रात परिवारवालों के साथ खाना खाने के बाद रात करीब 12 बजे आशीष कमरे से बाहर चला गया। कुछ देर बाद ही उसने बहनों व अन्य परिचितों के मोबाइल फोन पर व्हाट्सप्प कर हमेशा के लिए जाने का मैसेज कर दिया। मैसेज मिलते ही परिजनों के होश उड़ गए। देर रात ही घरवालों व परिचितों ने उसकी तलाश शुरू कर दी, लेकिन पता नहीं चला।
गाय ने बताया मां को बेटे की लाश का पता!
आशीष के जाने के संदेश पर परिवार परेशान ही था कि घर के परिसर में ही बने एक कमरे में गाए के रंभाने की आवाज आने लगी। घरवालों ने सोचा कि गाय को भूख लगी है और अंधेरे में उसे चारा डाल आए, लेकिन गाय फिर भी चुप नहीं हुई तो मां शीला दोबार गाय वाले कमरे में पहुंची तो गाय ने सींग चला दी, जिससे बचने के लिए शीला पीछे हटी तो वह अंधेरे में किसी चीज से टकरा गयी।
टॉर्च जलाकर देखने पर पंखें की कुंडी से दुपट्टे के फंदे के सहारे आशीष को फंदे से लटकता देख उनकी चीख निकल गयी। बिना समय गवाएं परिजनों ने आशीष को नीचे उतारकर अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
नौकरी नहीं मिलने की वजह से दे रहा हूं जान
पुलिस को आशीष के पास से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने अपनी मौत का जिम्मेदार नौकरी नहीं मिलने की वजह बताया है। साथ ही परिजनों से माफी मांगते हुए किसी को भी परेशान नहीं करने की बात लिखी थी।
ठीक तीन महीने पहले आशीष के जिगरी दोस्त ने भी दी थी कुछ ऐसे ही जान
आशीष के आत्महत्या करने के बाद एक चौंकाने वाली बात भी सामने आयी है। उसके घर से कुछ सौ मीटर की दूरी पर रहने वाले उसके जिगरी दोस्त अर्पित ने बीते 21 अप्रैल को फांसी लगाकर जान दी थी। तारीख सेम होने के साथ ही अर्पित ने भी मौत का दिन शनिवार ही चुना था।
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इतना ही नहीं उसने भी जान देने से पहले परिजनों को मैसेज कर अपने सुसाइड की बात बतायी थी। दोनों आत्महत्याओं में इतनी समानताएं होने के चलते लोग जहां तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं, वहीं पुलिस भी अपनी छानबीन में ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि दोनों की मौत में किसी तरह का कनेक्शन तो नहीं है। आशीष ने अपने सुसाइड नोट में भले ही जान देने की वजह बेरोजगारी बतायी है, लेकिन मात्र 23 साल की उम्र में नौकरी नहीं मिलने के चलते जान देने की बात लोगों के गले नहीं उतर रही।
इंस्पेक्टर पीजीआइ ने बताया कि सुसाइड नोट के अनुसार आशीष ने नौकरी नहीं मिलने की वजह से जान देने की बात करते हुए किसी को भी इसके लिए परेशान नहीं करने की बात कही है, हालांकि पुलिस तमाम बिन्दुओं पर जांच कर ही है।
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