आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। अपने कार्यकाल का पहला साल पूरा करने पर जहां योगी सरकार जश्न मना रही है, वहीं विरोधी दलों ने तमाम गंभीर आरोप लगाते हुए उसपर हमला बोलना शुरू कर दिया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकपा) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमेश दीक्षित योगी सरकार को जनता की उम्मीदों को पूरा करने में पूरी तरह से फेल बताते हुए बोले कि उत्तर प्रदेश एक साल से कुशासन, अराजकता और भ्रष्टाचार का केंद्र बन गया है।
राकपा प्रदेश अध्यक्ष ने सोमवार को अपने एक बयान में कहा कि यूपी में दलितों और मुसलमानों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। भगवा गमछे की आड़ में भगवा गुंडे दलितों और मुसलमानों पर खुलेआम हमले कर रहे हैं, जबकि प्रदेश जातीय दंगों की मुहाने पर खड़ा दिखाई दे रहा है।
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योगी सरकार की उपलब्धियों पर बात करते हुए रमेश दीक्षित ने कहा कि सरकार की उपलब्धियों की समीक्षा उसके घोषणा पत्र में लिखे वादों की कसौटी पर की जानी चाहिए। भाजपा का संकल्प पत्र पढ़कर सरकार के एक साल के कार्यकाल को आसानी से परखा जा सकता है।
डॉ. रमेश दीक्षित ने आगे अपने बयान में दावा किया कि बजट में की गई कोरी लफ्फाजी को साल भर की उपलब्धि बताया गया, जबकि किसान कर्जमाफी के 36000 करोड़ रुपये में से 16000 करोड़ किसानों को दिया ही नहीं गया। वहीं आलू की पैदावार 150 लाख कुंतल है और सरकार दिखावे के लिए महज दो लाख कुंतल ही आलू खरीद रही है।
झूठा है नौ लाख मकान देने का दावा
राकपा प्रदेश अध्यक्ष ने अपने बयान में ये भी दावा किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किसी को प्रदेश में मकान दिए नहीं गए। सरकार नौ लाख मकान देने का झूठा दावा कर रही है। सच तो ये है कि अखिलेश यादव की समाजवादी आवास योजना और मायावती की कांशीराम आवास योजना को भी अपनी उपलब्धि के तौर पर योगी सरकार गिना रही है। रही बात दंगों की तो केंद्र सरकार ने खुद संसद में कहा है कि सबसे ज्यादा सांप्रदायिक हिंसा यूपी में हुई है, जबकि योगी सरकार उसके उलट कह रही है कि उत्तर प्रदेश में दंगे ही नहीं हुए।