आरयू वेब टीम। कुछ दिन बाद 21 जनवरी को मणिपुर को राज्य का दर्जा मिले, 50 साल पूरे हो जाएंगे। देश इस समय अपनी आजादी के 75 वर्ष पर अमृत महोत्सव भी मना रहा है। ये समय अपने आप में बहुत बड़ी प्रेरणा है। देश के लोगों में आजादी का जो विश्वास, यहां मोइरांग की धरती ने पैदा किया वो अपने आप में एक मिसाल है। जहां नेताजी सुभाष की सेना ने पहली बार झंडा फहराया, जिस नॉर्थ ईस्ट को नेताजी ने भारत की स्वतंत्रता का प्रवेश द्वार कहा, वो नए भारत के सपने पूरे करने का प्रवेश द्वार बन रहा है।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को इम्फाल में 4,800 करोड़ रुपए से अधिक की 22 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास कर जनसभा को भी संबोधित कर कही। इस दौरान प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्वोत्तर को लेकर पहले की सरकारों की डोंट लुक ईस्ट पॉलिसी थी, लेकिन हमने पूर्वोत्तर के लिए एक्ट ईस्ट का संकल्प लिया है। ईश्वर ने इस क्षेत्र को इतने प्राकृतिक संसाधन दिए हैं। पूर्वोत्तर की इन संभावनाओं पर अब काम हो रहा है। पूर्वोत्तर अब भारत के विकास का गेटवे बन रहा है।
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि आपको ये याद रखना होगा कि कुछ लोग सत्ता पाने के लिए मणिपुर को फिर से अस्थिर करना चाहते हैं। ये लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कब उन्हें मौका मिले और कब वो अशांति का खेल खेलें, लेकिन मणिपुर के लोग इन्हें पहचान चुके हैं।
इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज जिन योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है, उनके साथ ही मैं आज मणिपुर के लोगों का फिर से धन्यवाद भी करूंगा। आपने मणिपुर में ऐसी स्थिर सरकार बनाई जो पूरे बहुमत से, पूरे दमखम से चल रही है। ये आपके एक वोट के कारण हुआ।
मोदी ने कहा कि ये सब आपके एक वोट की ताकत है, जिसकी वजह से मणिपुर के छह लाख परिवारों को पीएम गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत मुफ्त राशन का लाभ मिल रहा है। पीएम आवास योजना के तहत करीब 80 हजार घरों को स्वीकृति मिली है। साथ ही कहा कि मैं जब प्रधानमंत्री नहीं बना था, उससे पहले भी अनेकों बार मणिपुर आया था। मैं जानता था कि आपके दिल में किस बात का दर्द है। इसलिए 2014 के बाद मैं दिल्ली को, भारत सरकार को आपके दरवाजे पर लेकर आ गया।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की सात वर्षों की मेहनत पूरे नॉर्थ ईस्ट में दिख रही है, मणिपुर में दिख रही है। आज मणिपुर बदलाव का एक नई कार्य-संस्कृति का प्रतीक बन रहा है। ये बदलाव हैं- मणिपुर के कल्चर के लिए, केयर के लिए। आगे कहा कि पहले लोग पूर्वोत्तर आना चाहते थे, लेकिन यहां पहुंचेंगे कैसे, ये सोचकर ही रुक जाते थे। इससे यहां के पर्यटन क्षेत्र को बहुत नुकसान होता था, लेकिन अब पूर्वोत्तर के शहर ही नहीं, बल्कि गांवों तक पहुंचना भी आसान हो रहा है।