आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। भारत ने विज्ञान के क्षेत्र में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इसके बाद भी प्रयोगशाला, स्कूल व कालेजों में इसका रोजाना इस्तेमाल किया जाना चाहिए। ये बातें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को लखनऊ के गोमतीनगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान (आइजीपी) में इंडिया अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आइआइएसएफ) का शुभारंभ करते हुए कही।
राष्ट्रपति ने कहा कि विज्ञान हमेशा भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है। सदियों पहले, हमारे पूर्वजों ने गणित के रहस्य और शून्य की महत्ता को साबित किया है। विज्ञान का इस्तेमाल दवाओं की खोज में किया गया।
महिलाओं की कम भागीदारी है चिंताजनक
साइंस की उपयोगिता पर बात करते हुए प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय विकास एजेंडे में विज्ञान और वैज्ञानिक नवाचार की भूमिका दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं की कम भागीदारी चिंताजनक बताई। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद में काम कर रहे 3,446 वैज्ञानिकों के बारे में कहा, केवल 632 यानी 18.3 प्रतिशत ही महिलाएं हैं।
चुनौती भरी राहों को विज्ञान ने किया आसान
वहीं रामनाथ कोविंद कार्यक्रम में आए वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए बोले कि विज्ञान की बहुत बड़ी दुनिया है। विज्ञान ने कई चुनौती भरी राहों को आसान किया है। हरित क्रांति व अंतरिक्ष जैसे कार्यक्रम विज्ञान से ही सफल हो सके। विज्ञान के सहारे ही कई गंभीर रोगों के लिए दवाएं बनाई गईं। इसीलिए हमें विज्ञान का सही इस्तेमाल करने की जरूरत है।
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साइंस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हम विज्ञान को एक जन आंदोलन के रूप में लिए बिना लंबी छलांग नहीं लगा सकते हैं। हमारी प्रयोगशालाओं, विश्वविद्यालयों और यहां तक कि स्कूलों में रोजमर्रा की गतिविधि के रूप में इसे शामिल करते हुए नित नए प्रयोग करने चाहिए। साथ ही अगर हम भारत की बेहतर अर्थव्यवस्था चाहते हैं और एक उन्नत औद्योगिक शक्ति के रूप में बदलना चाहते हैं, तो हमें अपने ज्ञान निर्माण के इंजनों को अपग्रेड करना होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि विज्ञान में जुगाड़ का भी बड़ा महत्व है। प्रयोगशाला हो या जीवन के जुड़े अन्य मामले, जब कुछ नहीं चलता तो जुगाड़ ही काम आता है। उन्होंने कहा कि हमें विज्ञान को सही दिशा में ले जाने जाना होगा।
ज्ञान व विज्ञान के आधार पर है भारत की दुनिया में पहचान: योगी
वहीं इस दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विज्ञान का इस्तेमाल मानवता के कल्याण में लगाया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश में पहली बार ऐसा कोई आयोजन हो रहा है। भारत में वैज्ञानिकों की काफी बड़ी संख्या है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से यह आयोजन हुआ। विज्ञान को लेकर लोगों में जागरूकता बनी रहती है। दुनिया में भारत की पहचान अपने ज्ञान व विज्ञान के आधार पर रही है।
कार्यक्रम में पहुंचने से पहले आज लखनऊ के हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत राज्यपाल रामनाईक, सीएम योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मायोगी, डीएम कौशलराज शर्मा व एसएसपी कलानिधी नैथानी ने किया।