आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप के बाद औरेया के जिलाधिकारी सुनील वर्मा को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही यूपी सरकार ने उनकी संपत्तियों की जांच करने के भी आदेश दिए है। मिली जानकारी के अनुसार औरैया जिलाधिकारी सुनील वर्मा के खिलाफ लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप लगे है।
सुनील वर्मा को संस्पेड उनके काम में बेहद लापरवाही और भ्रष्टाचार करने के आरोप में किया गया है। वहीं औरैया के जिलाधिकारी के सस्पेंड से पहले गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को भी काम निलंबित कर दिया गया था। योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रशासन में लापरवाही व अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण न कर पाने के चलते इनको निलंबित किया गया था। उत्तर प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद किसी आईपीएस अधिकारी के विरुद्ध की गई यह पहली कार्रवाई है।
गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार से पहले योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र के आइएएस अधिकारी टीके शिबू भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर उनको पद से निलंबित किया था। खनन और निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार व यूपी चुनाव के दौरान लापरवाही के आरोपों पर सोनभद्र के जिलाधिकारी टीके शिबू को निलंबित कर दिया गया था। आरोपों की जांच वाराणसी मंडल के आयुक्त को सौंपी गई थी।
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बता दें कि 2012 बैच के आईएएस अधिकारी टीके शिबू के खिलाफ बड़ी कार्रवाई पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया था कि पूर्व की भांति ही भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति इस कार्यकाल में भी सख्ती से लागू रहेगी। इस कार्यवाही के बाद डीएम के ऊपर विभागीय जांच बैठी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल में भ्रष्टाचार व शासकीय दायित्वों में लापरवाही के चलते 17 आइपीएस अधिकारियों के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई हुई थी। विधानसभा चुनाव 2022 जीतकर प्रदेश में दोबारा सरकार बनाने में कामयाब रहे योगी आदित्यनाथ इन दिनों लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई कर रहे हैं। इस संबंध में जांच के आदेश दे दिए गए हैं। वहीं, सस्पेंडेड डीएम सुनील वर्मा की सम्पत्ति की भी जांच करवाई जाएगी।
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