आरयू वेब टीम।
बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के करीब 16 घंटे के अंदर ही नीतीश कुमार ने एक बार अपनी कुर्सी संभाल ली है। नीतीश ने अपने गठबंधन सहयोगी लालू प्रसाद की राजद को धता बताने और पद पर फिर से काबिज होने के लिए विपक्षी भाजपा से हाथ मिलाने के एक दिन बाद आज छठी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। कुमार के काफी तेज रफ्तार से किए गए इस दांवपेंच ने राज्य में राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया है। राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने राजभवन के राजेंद्र मंडपम् में 66 वर्षीय नीतीश कुमार को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। वहीं लालू प्रसाद यादव के धुर विरोधी व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी को भी शपथ दिलाई गई।
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जदूय के राजद एवं कांग्रेस के साथ बमुश्किल दो साल पुराने गठबंधन से अलग हो जाने के बाद राज्यपाल ने नीतीश कुमार से दो दिन के भीतर सदन में अपना बहुमत साबित करने को कहा। इस संक्षिप्त समारोह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और भाजपा नेता अनिल जैन भी मौजूद थे। समारोह में केवल कुमार और सुशील मोदी को शपथ ग्रहण कराई गई।
नीतीश कुमार ने शपथ ग्रहण के बाद मीडिया के सामने दावा किया कि ‘‘हमने जो भी फैसला किया है वह बिहार और उसकी जनता के पक्ष में होगा। उन्होंने यह फैसला जनहित में लिया है। यह विकास, प्रगति और न्याय सुनिश्चित करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मैं यह सुनिश्चित करता हूं कि हमारी प्रतिबद्धता बिहार की जनता के प्रति है।
बता दें कि नीतीश कुमार ने बुधवार रात मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने लालू यादव और पूर्ववर्ती परिदृश्य में उप मुख्यमंत्री रहे तेजस्वी समेत उनके कुछ परिजन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर गठबंधन साझीदार राजद के साथ तनातनी के बाद यह फैसला किया।
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