बिजली विभाग के परेशान आउटसोर्सिंग कर्मियों ने MD मुख्यालय पर किया प्रदर्शन

बिजली कर्मचारी
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के बाहर प्रदर्शन बिजली कर्मचारी। (फोटो आरयू)

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ में बिजली विभाग में तैनात आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने एमडी कार्यालय पर गुरुवार को प्रदर्शन किया है। विद्युत निगम को निजीकरण करने का विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि 55 साल की उम्र देखकर छंटनी की जा रही है। कर्मचारियों की मांग को अनसुना किया जा रहा है, इसलिए अपनी मांगों को लेकर कार्यालय पर जुटे हजारों कर्मचारियों ने मध्यांचल प्रबंधन को कर्मचारियों की समस्याएं बताने के लिए सत्याग्रह का रास्ता चुना है।

साथ ही कहा कि कई बार समझौता हुआ, लेकिन हर बार उल्लंघन होता है। इस वजह से हजारों की संख्या में कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं। जायज मांग होने के बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा। कर्मचारियों का कहना है कि अनुबंध नियमों को नहीं माना जा रहा। कर्मचारियों ने कहा- लेबर की नौकरी दी गई है, लेकिन लाइन मैन का काम लिया जा रहा। शिकायत के बाद भी अधिकारी नहीं सुनते। कर्मचारियों पर जान का खतरा बना रहता है। ऐसे में हमारी मांगों को सुना जाए। क्योंकि यह हजारों परिवारों के जीवन का सवाल है।

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री देवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने मीडिया को बताया है कि मध्यांचल प्रबंधन को बिजली के आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याएं बताने के लिए संगठन ने प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत पांच फरवरी को मध्यांचल के अंतर्गत आने वाले जनपदों में विरोध सभा की है। वहीं आज यानी छह फरवरी 2025 को प्रबंध निदेशक मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड कार्यालय पर कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया है।

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दरअसल, उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के सहयोगी निगम, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड गोखले मार्ग लखनऊ के कार्यक्षेत्र में मानक से कम कर्मचारियों को तैनात कर कार्य कराने, पूर्व से तैनात कर्मचारियों की कुल संख्या के लगभग 40 प्रतिशत भाग के बराबर कर्मचारियों की छटनी करने, 55 वर्ष का हवाला देकर कर्मचारियों को कार्य से हटाने, मध्यांचल प्रबंधन द्वारा पूर्व में हुए समझौते का पालन न करने, मानक के अनुरूप सुरक्षा उपकरण न देने, आठ घंटे 26 दिन के स्थान पर 12 घंटे 30 दिन कार्य कराने, कार्य के दौरान बिजली की चपेट में आने या खंभे से नीचे गिरकर घायल हुए कर्मचारियों का कैशलेस उपचार न कराने, उचित उपचार के अभाव में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की मृत्यु होने, दुर्घटना के शिकार कर्मचारियों द्वारा उपचार में व्यय की गई धनराशि को संविदाकारों के बिल से काटकर भुगतान न करने समेत अन्य मांगों को लेकर आउटसोर्सिंग कर्मचारी एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

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