भाजपा का पलटवार, मायावती के मुंह से अच्‍छी नहीं लगती समतामूलक समाज की बातें, गिनाई ये वजहें

समतामूलक समाज की बातें

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को दलित, अंबेडकरवाद और संविधान विरोधी बताने वाले बसपा सुप्रीमो मायावती के बयान पर भाजपा ने तगड़ा पलटवार किया है। भाजपा ने न सिर्फ मायावती को तानाशाह बताया है, बल्कि ये भी कहा है कि जिसकी कोठी में आम जनता कदम नहीं रख सकती और न ही जिसके सामने उसके ही पार्टी के बड़ें से बड़े नेता को बैठने की इजाजत न हो ऐसी सोच रखने वाली मायावती के मुंह से बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर के समतामूलक समाज की बातें अच्‍छी नहीं लगती।

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भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पाण्‍डेय ने बीजेपी मुख्‍यालय पर बसपा सुप्रीमो पर हमला बोलते हुए आगे कहा कि मायावती से मुख्यमंत्री के रूप में उन्हीं के दल के सांसद, विधायकों को मिलना संभव नहीं था। नंगे पैर ही उनके आवास में प्रवेश किया जा सकता था।

तो मायावती की चुंधियां जाएगी आंखें 

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि जग जाहिर है कि तानाशाही सोच व व्यवहार की बसपा सुप्रीमो ने बाबा साहब तथा काशीराम के नाम का इस्‍तेमाल सिर्फ के व्यापार के लिए किया। सच तो यह है कि जातिवादी समाज में भेदभाव तथा समाज को टुकड़ों में बांटने की नीति बसपा की रही है। जबकि भाजपा की नीति पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अन्त्योदय की है। जिस पर भारत के प्रधानमंत्री सबका साथ-सबका विकास का संकल्प लेकर काम करते हुए गरीबों, दलितों, पिछड़ों के उत्थान की कल्याणकारी योजनाएं क्रियान्वित कर भय-भूख व भ्रष्टाचार मुक्‍त नए भारत के निर्माण के लिए कार्य कर रहे है। वहीं मायावती अगर मुद्रा योजना, स्टार्टअप, स्टैण्डअप, जनधन खाता, प्रधानमंत्री आवास, उज्जवला, सौभाग्य योजनाओं के लाभार्थियों की सूची देखेंगी तो दलित, पिछड़ों की समृद्धि से आंखें चुंधियां जाएगी।

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अपनों कोई एक काम बताएं जिससे दलित व पिछड़ों को मिला हो लाभ

बीजेपी प्रदेश अध्‍यक्ष ने अंत में कहा कि सच मे तो मायावती दलित, पिछड़ों को वोट बैंक बनाकर सिर्फ अपनी तिजोरी भरने का काम करती रही। चार बार मुख्यमंत्री बनने के दौरान अपना कोई एक काम बताएं जिससे दलित व पिछड़ों को लाभ मिला हो। आज देश नहीं दुनिया ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को स्वीकार किया है। मायावती को एक गरीब, पिछड़े समाज से आए व्यक्ति का देश का नेतृत्व करना हजम नहीं हो रहा है।

मन की बात से शुरू हुआ मामला

बताते चलें कि रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यक्रम मन की बात में कहा था कि उन्‍होंने बाबा साहब उनकी प्रेरणा हैं। साथ ही पहले लोग उन्‍हें रोकते थे, लेकिन आज का भारत बाबा साहब के सपनों जैसा है। इसके बाद ही आज सुबह मायावती ने मीडिया से बात करते हुए प्रधानमंत्री के बयान को न सिर्फ नाटकबाजी कह डाला था, बल्कि पीएम, भाजपा और आरएसएस को अंबेडकर और दलित विरोधी बताया था।

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