आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी के जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा ने रिकॉर्ड जीत हासिल की है। इस चुनाव में भाजपा 75 में से 65 सीटों पर कब्जा करने में कामयाब हुई। वहीं सपा सिर्फ छह सीटें ही हासिल कर पाई, जबकि अन्य को चार सीटें मिली हैं। 22 जिलों में पहले ही निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है। 21 सीट भाजपा के खाते में है, जबकि एक सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई थी।
वहीं 53 सीटों पर वोटिंग हुई थी, जिसके चुनाव परिणाम आज घोषित कर दिये गए हैं। मार्च 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में मिली बंपर जीत भाजपा के लिए संजीवनी का काम कर सकती है। साथ ही अन्य दलों को और मेहनत करने की जरूरत होगी।
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यूपी के 53 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए वोटिंग पूरी होने के बाद आज परिणाम घोषित कर दिये गए। यूपी में 53 सीटों पर शनिवार को वोटिंग हुई। उन पर ज्यादातर भाजपा और सपा आमने-सामने थीं, लेकिन सपा को भाजपा ने करारा झटका देते हुए एकतरफा जीत हासिल की। इनमें से 37 जिला पंचायत सीटें ऐसी थीं, जहां पर सिर्फ दो-दो उम्मीदवार ही चुनाव मैदान में थे।
निर्विरोध चुनावों के बाद भी बचे हुए 53 जिलों में से समाजवादी पार्टी को 36 जिलों में भाजपा से आगे बताया जा रहा था, हालांकि, कई जिलों में समाजवादी पार्टी का गणित निर्दलीय तो कहीं बागियों ने बिगाड़ दिया। जिन 22 जिला पंचायत अध्यक्ष पद की सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ, वहां पर समाजवादी पार्टी इटावा में मुश्किलों से निर्विरोध जीत सकी थी। बाकी 21 में भाजपा ने जीत दर्ज की है। विपक्ष का दावा है कि भाजपा ने सत्ता पक्ष का दुरुपयोग कर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा किया है।