आरयू ब्यूरो, लखनऊ/कानपुर। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर भाजपा सरकार के इशारे पर हमला किया गया था। प्रदेश में हुई हिंसक घटनाओं की जांच सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से कराई जाए तो सारा सच सामने आ जाएगा। हिंसा में किस तरह शासन की लापरवाही में लोगों की जान गई। लखनऊ और कानपुर में अनुभवहीन अफसरों की वजह से घटना हुई है, जोकि सरकार की नाकामी दर्शा रही है।
उक्त बातें सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कही। पूर्व मुख्यमंत्री आज दोपहर कानपुर के बाबूपुरवा में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारवालों से मिलने पहुंचे। अखिलेश यादव ने इस दौरान लोगों से मिलकर उनसे बात की और उन्हें संत्वाना दी। साथ ही आर्थिक मदद प्रदान कर न्याय संघर्ष में साथ देने का वादा किया। उन्होंने कहा कि हर मजलूम के साथ डटकर खड़े हैं समाजवादी।
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इस दौरान सपा सुप्रीमो ने भाजपा सरकार पर हमला जारी रखते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून लाकर देश को बांटने का काम किया है। भाजपा सरकार धर्म और जाति के नाम पर लोगों को बांट रही है और अंग्रेजों के पदचिह्नों पर चलते हुए बांटों और राज करो की नीति अपना रही है।
वहीं सपा मुखिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के तीन सौ विधायकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इसके तुरंत बाद ही प्रदेश में ऐसी घटना कराई गई। अब सभी चुप्पी साध गए हैं और अपना अपना अस्तित्व बचाने का प्रयास कर रहे हैं। कहा, नोटबंदी हो या जीएसटी फिर चाहे टेनरी बंदी, प्रदेश और केंद्र सरकार हर जगह नाकाम साबित हुई है।