आरयू ब्यूरो,लखनऊ। राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से मृत युवक वकील अहमद के परिवारवालों से रविवार को सपा मुखिया ने मुलाकात की। अखिलेश ने वकील के परिजनों से संवेदना व्यक्त करते हुए हर संभव मदद एवं न्याय संघर्ष में साथ लड़ने का आश्वासन दिया।
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में शुरू से दावा किया कि पुलिस फायरिंग से कोई मौत नहीं हुई। बाद में माना गया कि पुलिस की गोली से कुछ मौतें हुईं, क्योंकि पुलिसकर्मियों को आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी। हिंसा में वकील की मौत के मामले में जांच हो।
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साथ ही सपा सुप्रीमो ने सरकार से वकील के परिवार को भी पुलिस की गोली से शिकार इंजीनियर के परिवार की तरह ही आर्थिक सहायता देने व परिवार के किसी सदस्य को नौकरी देने की मांग की। अखिलेश ने कहा कि इंजीनियर की हत्या हुई तो नौकरी दी गई। इंजीनियर के परिवारीजन को मकान मिला। इसी तरह वकील के परिवार को भी नौकरी तथा मकान मिले। सरकार दोनों में भेदभाव क्यों कर रही है।
हुसैनाबाद क्षेत्र स्थित वकील अहमद के आवास पर परिजनों को संत्वाना देने के बाद अखिलेश ने यह भी कहा कि मृतक की पत्नी शबीना लखनऊ में रहती है, जबकि पिता मूल निवासी तम्बौर, सीतापुर है। आर्थिक मदद और आवास दोनों को ही मिलना चाहिए। परिवार के एक सदस्य को नौकरी के अलावा 25 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए।
वहीं अखिलेश ने वकील के परिजनों को पांच लाख रुपए सपा की ओर से दिए जाने की घोषणा करने के साथ ही ये भी कहा कि यूपी में सीएए के प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले अन्य के आश्रितों को भी उनकी पार्टी की ओर से पांच-पांच लाख रुपए दिए जाएंगें।
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इसके अलावा समाजवादी अधिवक्ता सभा के माध्यम से गरीब एवं असहाय लोगों को कानूनी मदद दी जाएगी। भाजपा सरकार को निशाने पर लेते हुए यूपी के पूर्व सीएम ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून में ऐसा क्यों कर रही है कि सबको उसमें शामिल नहीं किया जा रहा है। भाजपा भेदभाव क्यों कर रही है?
अखिलेश ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि भाजपा सरकार बहुत सी चीजें छुपाना चाहती है। 19 दिसंबर 2019 की हिंसा में मृत लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सरकार नहीं दे रही है। सरकार संविधान की मूलभावना के खिलाफ काम कर रही हैं। जनता संविधान की रक्षा के लिए सड़क पर उतरी थी।
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इस दौरान अखिलेश ने भाजपा संपर्क अभियान की बात करते हुए कहा कि भाजपा जनता में भ्रम फैलाने के लिए और अपनी गलतियों को छुपाने के लिए कथित जन जागरण एवं जनसंपर्क अभियान का नाटक रच रही है। भाजपा के नेता, मुख्यमंत्री क्या समझा रहे है? जनता समझदार है वह भाजपा के झांसे में नहीं आएगी।
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साथ ही अखिलेश ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भाजपा सरकार ‘मिस्ड काल‘ जैसे गैर गंभीर माध्यम का प्रयोग करके उपहास की पात्र बन गयी है। भाजपा विघटनकारी विषयों को उठाकर पुलिस पोस्टिंग जैसे भ्रष्टाचार तथा मंहगाई, बेरोजगारी के असल मुद्दों से ध्यान भी भटका रही है। जब आधार कार्ड में सारी डिटेल्स पहले ही ली जा चुकी हैं तो एनपीआर और एनआरसी जैसी चीजों की जरूरत क्या है। अखिलेश ने कहा कि बीजेपी भी यह जानती है कि उनके द्वारा बनाया गया कानून असंवैधानिक है।