आरयू ब्यूरो, लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून व एनआरसीी को लेकर देशभर में चल रहा विरोध-प्रदर्शन गुरुवार दोपहर लखनऊ में हिंसक हो गया। खदरा, हुसैनाबाद, परिवर्तन चौक, कैसरबाग व अन्य इलाकों में भीड़ ने हिंसा की है। उपद्रव के दौरान दो पुलिस चौकी भी जला दी गई है, जबकि चौकी के बाहर व बवाल के क्षेत्र में आए विभिन्न इलाकों की सड़कों पर खड़ी दो दर्जन बाइक, कार, रोडवेज बस व न्यूज चैनेल की तीन ओबी वैन को फूंक दिया गया है।
प्रदर्शनकारियों ने डालीगंज इलाके में नागरिकता कानून के विरोध में पथराव और तोड़फोड़ की। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे। वहीं प्रदर्शनकारियों ने ठाकुरगंज स्थित सतखंडा चौकी, वहां खड़े वाहनों को भी फूंक दिया गया, जबकि हिंसक विरोध के दौरान हुसैनाबाद क्षेत्र में फायरिंग की गयी है, जिसमें एक युवक की मौत हो गयी है, जबकि दो अन्य घायल बताए जा रहें। फिलहाल इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है, यह गोलियां किसकी ओर से चलाई गयीं थीं।
वहीं मृतक की पहचान हुसैनाबाद दौलतगंज निवासी वकील (33) के रूप में हुई है। मृतक के भाई तौफीक ने हुसैनाबाद पुलिस चौकी के पास एक दरोगा द्वारा भाई को गोली मारने का आरोप लगाया है। तौफीक के अनुसार वकील प्रदर्शन में शामिल होने नहीं गए थे, आज दोपहर पथराव के दौरान वकील हुसैनाबाद पुलिस चौकी के पास से गुजर रहे थे, तभी एक दरोगा ने वकील को गोली मारी थी, जिससे उसकी मौत हो गयी। पुलिस भले ही गोली नहीं चलाने की बात कह रही है, लेकिन तौफीक का कहना है कि दारोगा को गोली मारते हुए वकील के एक दोस्त ने देखा था।
तौफीक के अनुसार उसके अलावा वकील भी ऑटो चलाकर परिवार का पेट पालता था। डेढ़ साल पहले ही वकील की शादी हुई थी, उसकी पत्नी गर्भवती है। दोनों भाई नौकरी के लिए सऊदी अरब जाने वाले थे। जिसकी तैयारी भी चल रही थी, लेकिन उससे पहले ही वकील की हत्या कर दी गयी।
दूसरी ओर विरोध के दौरान आज हसनगंज क्षेत्र में भी वाहनों के साथ ही मदेयगंज चौकी में आग लगा दी गई। इस बीच परिवर्तन चौक के समीप तोड़फोड़, पथराव आगजनी के चलते लखनऊ मेट्रो सेवा बाधित हुई है। यूपी पुलिस के कहने पर केडी सिंह मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए। लखनऊ मेट्रो रेल कॉपोर्रेशन ने केडी सिंह मेट्रो स्टेशन पर टिकटों की बिक्री बंद कर दी है। इसी के साथ मेट्रो स्टेशन के गेट भी बंद कर दिए गए। उपद्रवियों को संभालने के लिए पुलिस को कुछ जगाहों पर लाठीचार्ज भी करना पड़ा है। वहीं बवाल व पथराव में एडीजी एसएन साबत, आइजी एसके भगत, सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्रा समेत कई पुलिस केे अधिकारी व मीडियाकर्मी भी घायल हुए हैं।
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दूसरी ओर मेट्रो स्टेशन पर सुरक्षा गार्ड बढ़ा दिए गए हैं। हर आने-जाने वाले यात्री पर नजर रखी जा रही है। संदिग्ध यात्रियों को रोकने के निर्देश दिए गए हैं। मेट्रो स्टेशनों पर परिचालन से जुड़े अफसर भी लगाए गए हैं। स्टेशनों पर अतिरिक्त चौकसी बरती जा रही है।
मोर्चा संभालने के लिए उतरे डीजीपी
मामले की गंभीरता को देखते हुए शाम को पुलिस व प्रशासन के तमाम अधिकारियों के साथ ही डीजीपी ओपी सिंह ने हजतगंज व पुराने लखनऊ क्षेत्र में भ्रमण कर हालात का जायजा लिया। विभिन्न इलाके में करीब छह घंटें चले उपद्रव व बवाल के बाद देर शाम तक पुलिस व प्रशासनिक अफसरों ने हालात पर काबू पा लिया था। हालांकि रात तक हजरतगंज, डालीगंज, खदरा, ठाकुरगंज व आसपास के इलाकों कें स्थिति तानवपूर्ण बनी हुई थी। बड़ी संख्या में पुलिस, पीएसी व सेना के जवान हालात को काबू में रखने के लिए तनाव वाले क्षेत्रों में मोर्चा संभाले रहें। दूसरी ओर पुलिस आज होने वाले प्रदर्शन को संभालने में नाकाम लखनऊ पुलिस के आलाधिकारी जनता से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे थे।
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पुलिस ने नहीं चलाई गोली, 55 गिरफ्तार: डीजीपी
वहीं डीजीपी ओपी सिंह ने देर शाम बताया कि शहर में स्थिति सामान्य है। कुछ ऐसी जगाहों पर घटनाएं हुई है, जहां प्रदर्शनकारियों ने इकट्ठा होने की घोषणा की थी। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया था, जिसके जवाब ने पुलिस ने आंसू गैस छोड़कर स्थिति को नियंत्रण किया। पुलिस की ओर से फायरिंग नहीं की गयी है, इस दौरान युवक की मौत कैसे हुई, इस बारे में जांच की जा रही है। साथ ही अब तक पुलिस ने विभिन्न क्षेत्रों से कुल 55 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अन्य की गिरफ्तारी के लिए सीसीटीवी कैमरों की जांच की जा रही है, हिंसा करने वाले किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।