आरयू ब्यूरो
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक ने आज कहा कि लोकतंत्र की पहली बाध्यता पारदर्शिता और जवाबदेही है। पिछले 15 सालों में सरकारी तंत्र को भ्रष्टाचार करने की इतनी छूट दे दी गई थी कि जनता का भरोसा इस पर से उठ चुका है। जिसे फिर से बहाल किया जाएगा।
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मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के मंत्रियों और अफसरों से मांगे गए संपत्ति के विवरण को उन्होंने पारदर्शी लोकतंत्र और जबावदेह सरकार का निर्णय बताते हुए कहा कि सरकार ने विश्वास बहाली के लिए सार्थक पहल की है।
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प्रदेश महामंत्री ने एक बयान जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को प्रभावी बनाने के लिए अफसरों को दिलाई गई स्वच्छता की शपथ के साथ ही मुख्यमंत्री ने राजनीतिक, सामाजिक और दायित्व के प्रति शुचिता को पुष्ट करने के लिए कदम बढ़ा दिया है। मंत्रियों और नौकरशाहों से सम्पत्ति का ब्योरा मांग कर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के संकल्प ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ को आगे बढ़ाया है।
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श्री पाठक ने कहा कि सपा सरकार में अटकी केन्द्र की योजनाएं भी अब जनकल्याण के लिए तेज गति से चलेगी। भय, भूख, भ्रष्टाचार के विरूद्ध शंखनाद करती प्रदेश सरकार जनकल्याण के पथ पर आगे बढ़ रही है।
राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट की पहल का स्वागत- राकेश त्रिपाठी
वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने रामजन्म भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के रूख का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि जल्द ही राम मंदिर निर्माण की बाधाएं खत्म हो जाएंगी।
प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने विवाद को आपसी बातचीत के जरिए सुलझाने की टिप्पणी करके स्वागत योग्य पहल की है। उन्होंने आशा जताई है कि 31 मार्च तक बातचीत के जरिए राममंदिर निर्माण का अवरूद्ध मार्ग खुल जाएगा