आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को भाजपा सरकार के साथ ही आरएसएस पर भी हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि मजदूर और गरीब को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। सरकार द्वारा उनकी सुध नहीं ली जा रही है कि उनका इलाज, भोजन और आवास की व्यवस्था करनी चाहिए।
अपने बयान में सपा अध्यक्ष ने कहा कि पूरा देश कोरोना वायरस के खिलाफ संघर्ष में एकजुट है। लॉकडाउन का भी सभी समर्थन कर रहे हैं। जनहित और जनसुविधा संबंधित सरकारी निर्देशों का पालन भी हो रहा है, लेकिन सरकार के भ्रामक बयानों से जनता में दुविधा की स्थिति बन रही है। ऐसे में भाजपा सरकारें ईमानदारी से काम करने के बजाय राजनीति करने से बाज नहीं आ रही हैं।
हॉटस्पॉट मॉडल की नाकामयाबी जगजाहिर
अखिलेश ने आगे कहा कि टेस्टिंग का ब्यौरा टीम-इलेवन को बताना चाहिए। जहां-जहां लॉकडाउन सख्ती से लागू है, वहां दोगुना कोरोना केस कैसे आये हैं? मुख्यमंत्री के हॉटस्पॉट मॉडल की खुद भाजपाई प्रशंसा करते रहते हैं, परंतु इस मॉडल की नाकामयाबी भी जाहिर है।
कम्युनिटी किचन की सामग्री थैली में भरकर…
वहीं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर निशाना साधते हुए सपा सुप्रीमो ने कहा कि प्रदेश में कम्युनिटी किचन और आरएसएस के भण्डारे में कोई फर्क नहीं दिखता है। स्वयंसेवी संस्थाओं और सरकारी संस्थानों से प्राप्त खाद्य सामग्री को आरएसएस द्वारा अपना बताकर और मोदी थैली में भरकर कुछ भाजपाई परिवारों में वितरित करना घटिया मानसिकता प्रदर्शित करता है।
यह भी पढ़ें- कोरोना ने आगरा व मुरादाबाद में ली जान, उत्तर प्रदेश के 21 जिलों में मिले रिकॉर्ड 177 नए पॉजिटिव
कैसे लग रही आरएसएस की शाखा
लॉकडाउन की ओर इशारा करते हुए अखिलेश यादव ने सवाल किया कि आरएसएस की कुटुम्ब शाखा कैसे लगाई जा रही है? भाजपा की सरकार क्या संघ का एजेंडा बढ़ाने के लिए ही चुनी गई है? कोरोना युद्ध में जिस आगरा मॉडल की प्रधानमंत्री ने तारीफ की थी, वह लगातार गम्भीर लापरवाही और बदइंतजामी से फेल हो चुका है। जिला प्रशासन की हेल्पलाइन कारगर नहीं हो सकी है। दवा पूर्ति दूर की कौड़ी साबित हो रही है।
घूमने में किया गया विशेष पास का प्रयोग
योगी सरकार को निशाने पर लेते हुए अखिलेश ने कहा कि राज्य सरकार ने राजधानी में कई दुकानों को दवा, किराना आदि की सप्लाई के लिए विशेष पास जारी किए गए थे। कई दुकानदारों ने जनता को राहत पहुंचाने की जगह अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए। फोन पर लोगों को भटकाते रहे या फिर सामानों के इतने मंहगे दाम बताए कि लोगों ने तौबा कर ली। विशेष पास का इस्तेमाल शहर में घूमने-फिरने में किया जाने लगा है।