आरयू ब्यूरो, लखनऊ। भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर सोमवार को एक बार फिर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने हमला बोला है। अखिलेश ने आज कहा है कि भाजपा के वादों की पोल खुलने लगी है, जबकि यूपी के मुख्यमंत्री जी के स्टार प्रचारक का तमगा भी फीका पड़ने लगा। किसानों का भाजपा से मोहभंग हो गया है, क्योंकि उन्हें पूरा भरोसा हो गया है कि उनके साथ किए गए वादे कभी पूरे नहीं होंगे। किसानों की समस्याओं को लेकर सपा अध्यक्ष ने आगे कहा कि किसान को फसल की लागत का डेढ़ गुना मूल्य नहीं मिला। एमएसपी और आय दुगनी करने के नारे थोथे सिद्ध हो चुके हैं। किसानों का भविष्य अंधेरी गुफा में कैद है।
लिस्ट में उत्तर प्रदेश का दसवां नंबर भी नहीं
सीएम योगी को निशाने पर लेते हुए अखिलेश ने आगे कहा कि हाल ही में हुए एक सर्वे से यह साबित हुआ है कि मुख्यमंत्रियों के कामकाज की लिस्ट में उत्तर प्रदेश का दसवां नंबर भी नहीं है। इस सर्वे से यह भी स्पष्ट है कि भाजपा के मुख्यमंत्री अपनी जमीन खोते जा रहे हैं। यूपी के सीएम अब तक अपनी प्रशंसा में जो दावे करते रहे हैं उनकी कलई भी इस सर्वेक्षण से खुल जाती है।
यह भी पढ़ें- अखिलेश ने कहा, सत्ता में खतरनाक लोग, जनता पर भरोसा लोकतंत्र को नहीं होने देगी कमजोर
भाजपा सरकार में हुआ किसानों का सबसे ज्यादा उत्पीड़न
साथ ही अखिलेश ने मीडिया से यह भी कहा कि सभी जानते है कि भाजपा सरकार में किसानों का सबसे ज्यादा उत्पीड़न हुआ है। उन्हें न तो धान का समर्थन मूल्य मिला है और नहीं समय से उसका भुगतान हुआ है। उसका धान नौ सौ से 11 सौ रूपए में बिक गया। गन्ना किसानों के बकाया का भुगतान नहीं मिला है। किसान से वादा किया गया था कि उसे फसल की लागत का डेढ़ गुना दाम दिलाया जाएगा और उसकी आय दुगनी की जाएगी। इसमें एक भी वादा पूरा नहीं हुआ, जबकि फसल बीमा में किसान की जगह बीमा कंपनियों को फायदा हुआ है।