आरयू ब्यूरो, लखनऊ। किसानों की समस्याओं को लेकर सोमवार को यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश ने कहा है कि भाजपा सरकार किसानों की तबाही का जश्न मना रही है। मोदी सरकार ने छह सालों में किसानों को फूटी कौड़ी का लाभ नहीं पहुंचाया। उसकी न तो आय दुगनी हुई, नहीं लागत का ड्योढ़ा मूल्य मिला। एमएसपी देना तो दूर की बात भाजपा सरकार ने किसानों के पास जो जमा पूंजी है उसे भी लूटने का इंतजाम कर लिया है। किसानों के सिर पर खेती जमीन-जायदाद जाने का खतरा भी मंडरा रहा है।
हमला जारी रखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा किभाजपा सरकार किसानों के प्रति असंवेदनशील होकर घोर उपेक्षा का व्यवहार कर रही। मंहगाई की मार ने अलग से किसान की कमर तोड़ दी है। इतने पर भी दावा कि भाजपा किसानों की हितैषी है। भाजपा का यह झूठ सीधे अन्नदाता का अपमान है। किसान अपना भविष्य बचाने को जान दे रहा है। भाजपा काले कृषि कानून थोपना चाहती है। जनता भी अब किसानों की मांगों के समर्थन में खड़ी हो गयी है।
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वहीं योगी सरकार को निशाने पर लेते हुए अखिलेश ने कहा है कि विडंबना तो यह है कि प्रदेश में भाजपा की डबल इंजन सरकार के समय तो यह कहावत चरितार्थ हो रही है कि ‘बड़े मिया तो बड़े मियां, छोटे मियां सुभान अल्लाह।‘ राज्य की भाजपा सरकार का घमण्ड तो अब हद से ऊपर हो गया है। राज्य में कहीं कोई सुनवाई नहीं है। धान की लूट सरे आम हो रही। धान खरीदी में धांधली से तंग होकर एक और किसान आत्महत्या का प्रयास प्रशासन के निर्मम रवैये को साबित करता है।
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सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि गन्ना समर्थन मूल्य बीजेपी सरकार द्वारा बढ़ाया नहीं गया ऊपर से मिलों में करोड़ों रूपये का बकाया हो गया है। अयोध्या में मसौधा और रौजागांव चीनी मिलों पर किसानों का 50.38 करोड़ रूपया बकाया है। गोण्डा की बजाज चीनी मिल पर किसानों का पिछले वर्ष का 146 करोड़ रूपए बकाया है। प्रदेश में अभी भी आठ हजार करोड़ रूपये से ज्यादा गन्ना किसानों का मिलों पर बकाया है। 14 दिनों में बकाया भुगतान ब्याज सहित देने का दावा करने वाली भाजपा सरकार को भुगतान करने में क्यों देरी हो रही है, इसका जवाब देना चाहिए?