आरयू ब्यूरो, लखनऊ। अयोध्या में सोमवार को रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह पूरा हो चुका है। समारोह में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया के सबसे लोकप्रिय राजनेता भारत के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ संचालक डॉ. मोहन भागवत सिंह, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, राम जन्म भूमि पूज्य महंत नृत्य गोपाल दास व कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी जी, महासचिव चंपत राय और देश के कोने-कोने से पधारे सभी संतों को मैं धन्यवाद देता हूं।
योगी ने कहा कि आज मन बहुत ही भावुक है कहने को शब्द नहीं हैं। आज भारत का हर नगर अध्योया धाम है और भारत का हर मार्ग अयोध्या की ओर आ रहा। हर जुबान राम-राम जप रही है। ऐसा लग रहा हम त्रेता युग में आ गये हैं। आखिर भारत को इसी दिन की ही तो प्रतीक्षा थी, इसमें पांच शताब्दी बीत गई। दर्जनों लोग अधूरी कामना लिए चले गये। बहुत बड़ी बात थी कि बहुसंख्यक समाज ने अपने ही आराध्य के लिए अपनी ही जमीन पर लड़ाई लड़ी। आज इस बात की खुशी है कि मंदिर वहीं बना है जहां बनाने का संकल्प लिया है।
योगी ने कहा जिस अयोध्या को अवनी को अमरावती और धरती का बैकुंठ कहा गया वह अयोध्या अपनी ही जमीन पर तिरस्कार झेलती रही, लेकिन हमारा सनातन धर्म हमें धैर्य सिखाता है आज उसी धैर्य का परिणाम सबके सामने है। आज रामलला जब विराजमान हुए है तो पूरी दुनिया अयोध्या आने के लिए लालायित है।
वहीं विकास की बात करते हुए योगी ने कहा कि आज अयोध्या में जो विकास देखने को मिला है वह कल्पना से परे था। आज यहां एयरपोर्ट होगा। फोर लेन की सड़के हैं। ये सब हमारे पीएम मोदी की सोच की वजह से साकार हो सका है। साथ ही ये भी कहा कि अब अयोध्या में कोई बाधा नहीं बन पायेगा न ही यहां गोलियों की तड़तड़ाहट कभी सुनाई देगी। अयोध्या में राम राज्य स्थापित हो चुका है।
अब हमें छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई छोड़नी होगी: मोहन भागवत
वहीं आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा अब हमें छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई छोड़नी होगी। हमको आपस में समन्वय रखकर चलना होगा। सब हमारे ही हैं। सरकार की कई योजनाएं राहत दे रही, लेकिन समाज के लोग हमारे भी लोग हैं। हमें भी सेवा और परोपकार के रास्ते पर चलना होगा। अपने लिए उतना ही रखें जितने की जरुरत हो। जिनके त्याग, तपस्या, प्रयासों से आज हम यह स्वर्ण दिवस देख रहे हैं, उनका स्मरण प्राण-प्रतिष्ठा के संकल्प में हमने किया। उनके प्रयासों को कोटि बार नमन है। इस युग में आज के दिन रामलला के फिर वापस आने का इतिहास जो-जो स्मरण करेगा, वह राष्ट्र के लिए होगा।
रामलला किसी भी प्रकार का अहंकार नहीं रखते
मोहन भगवत ने कहा कि हमको भी अपनी कलह की विदाई करनी होगी। रामलला किसी भी प्रकार का अहंकार नहीं रखते थे वह काम करने वाले थे वह बाते करने वाले नहीं थे। वह मर्यादापुरुषोत्तम राम थे। सत्य कहता है कि सब घट में राम है। हमको ये जानकर आपस में समन्वय से से चलना होगा। क्योंकि हम चलते हैं तो सब चलते हैं इसलिए सभी का ध्यान रखकर एक जुट होते हुए चलना होगा। उन्होने कहा आज सरकार की कई योजनायें गरीबों को राहत दे रही हैं। ये सब हो रहा है। लेकिन हमारा भी कर्त्वय है जहां कहीं मुझे किसी की पीड़ा दिखती है उसकी ओर हमें तुरंत दौड़ जाना चाहिए।
अनुशासित नागरिक बनना है हमें
साथ ही मोहन भागवत ने कहा हमें अनुशासित रहना होगा। नागरिक अनुशासन का पालन करना होगा। मोहन ने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि अनुशासन से जीवन में ही पवित्रता आती है। उन्होंने अंत में ये भी कहा 500 साल तक अनेक पीडि़यों ने बलिदान देकर आज का आनंदमय दिन हम सभी को उपलब्ध कराया। उनका योगदान हमें हमेशा याद रखना होगा।
रामभक्तों का बलिदान हो गया सफल: केशव मौर्या
वहीं डिप्टी सीएम केशव मौर्या ने कहा कि आज जीवन धन्य और सफल हो गया। श्रीराम जन्मभूमि पर बने भव्य मंदिर में रामलला का दर्शन भी कर लिया। कारसेवा का परिणाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रामलला के विराजमान होने से रामभक्तों को मिल गया,अने आन्दोलनों में बलिदानी रामभक्तों का बलिदान सफल हो गया!