विश्‍वकर्मा जयंती पर सीएम योगी ने कहा, “हस्तशिल्पी, श्रमिक-उद्यमी अपने काम से भारत को बना रहें आत्मनिर्भर”

विश्‍वकर्मा जयंती
कार्यक्रम को संबोधित करते सीएम योगी।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। आज हमारे सामने चुनौती है अपने उत्पाद की विशिष्टता और श्रेष्ठता साबित करने की, जिस दिन हम अपने 90 लाख यूनिट से श्रेष्ठतम उत्पादों का प्रॉडक्शन करने लगेंगे, नि:संदेह हम पूरी दुनिया में छा जाएंगे। अब हमें अपने प्रॉडक्ट की क्वालिटी डिजायनिंग और पैकेजिंग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को विश्‍वकर्मा जयंती के अवसर पर लोकभवन में आयोजित एमएसएमई और हस्तशिल्प पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान अपने संबोधन में कही। मुख्यमंत्री ने एमएसएमई और हस्तशिल्प के क्षेत्र में विशिष्ठ कार्य करने वाले श्रमिकों, हस्तशिल्पियों और उद्यमियों को पुरस्कृत और सम्मानित किया। सीएम ने इसके साथ ही आगरा और कानपुर में फ्लैटेड फैक्ट्री का भी शिलान्यास किया।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सृष्टि के आदि शिल्पी भगवान विश्‍वकर्मा और आधुनिक भारत के शिल्पी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पावन जन्मदिन है। इस अवसर पर आप सभी को बधाई देता हूं। आप सभी हस्तशिल्पी, श्रमिक और उद्यमी अपने कार्यों से भारत को आत्मनिर्भर बना रहे हैं। प्रसन्नता है कि मुझे यहां पर विश्वकर्मा जयंती के शुभ अवसर पर प्रदेश के हस्तशिल्पी और कारीगरों का सम्मान करने का अवसर मिला है।

पहले उद्यमियों को किया जाता था हतोत्साहित 

हमारे श्रमिक और हस्तशिल्पी जो कभी ग्राम स्वराज की परिकल्पना और आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को साकार किया करते थे। उनके पास हुनर तो था, मगर उत्पादों में समय के अनुरूप डिजायनिंग, पैकेजिंग का आभाव था। इतना ही नहीं शासन स्तर पर उनकी कोई मदद नहीं की जाती थी, यहां तक कि कोई कुछ करना भी चाहता था तो तमाम बंदिशें लगाकर उसे हतोत्साहित किया जाता था। मगर आज हमने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के माध्यम से हस्तशिल्पियों के लिए तमाम कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हस्तशिल्पियों ने परंपरागत पेशे को तमाम अभाव और चुनौती के बावजूद संरक्षित कर रखा है। यूपी के पास आज सबसे अधिक 90 लाख सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) हैं। औद्योगिक विकास की पहली शर्त ही एमएसएमई क्लस्टर होते हैं। अब हमें यूपी के प्रॉडक्ट की क्वालिटी पर ध्यान देने की जरूरत है। निर्यात के लिए जनपद स्तर पर प्रयास करना होगा, यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। अगर हमने ये लक्ष्य प्राप्त कर लिया तो यूपी का प्रॉडक्ट पूरी दुनिया के अंदर छाएगा।

आजमगढ़ को आज ब्लैक पॉटरी से मिल रहा सम्मान 

मुख्यमंत्री ने बताया कि हमने दो महत्वपूर्ण योजनाएं चलायीं। इनमें एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) और दूसरी विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना है। हमने उत्पादों की क्वालिटी के साथ ही डिजायनिंग और पैकेजिंग के लिए बकायदा ट्रेनिंग की शुरुआत की, शिल्पकारों को ट्रेनिंग के दौरान निश्चित मानदेय देने के प्रबंध किये साथ ही साथ टूलकिट भी प्रदान किये। किसने सोचा था कि गोरखपुर का टेराकोटा, मुरादाबाद की ब्रॉस की कलाकारी, फिरोजाबाद का ग्लास, कन्नौज का इत्र, अलीगढ़ के ताले, भदोही का कालीन, सहारनपुर का क्राफ्ट और वाराणसी के हस्तशिल्प को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए सरकार की ओर से भी सार्थक प्रयास हो सकता है। आजमगढ़ जिसे 2017 से पहले आतंकवादियों का गढ़ माना जाता था आज वहां की ब्लैक पॉटरी को दुनियाभर में सम्मान मिल रहा है।

गुड गवर्नेंस में यूपी प्रथम पायदान पर 

मुख्यमंत्री ने बताया कि 2021 के आंकड़ों के हिसाब से यूपी गुड गवर्नेंस इंडेक्स में प्रथम स्थान पर है। इंडिया इनोवेशन इंडेक्स में सातवां स्थान, एक्सपोर्ट इन्डेक्स ईपीआई में छठा स्थान और लॉजिस्टिक इज अक्रॉस डिफ्रेंट स्टेट में छठे स्थान पर यूपी ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।

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