आरयू वेब टीम। काफी दिनों से महाराष्ट्र में मची सियासी उथल-पुथल का कल लगभग अंत हो गया। एकनाथ शिंदे ने राज्य के राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। इसी बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार को आयकर विभाग का नोटिस आ गया, जिसे लेकर शरद पवार ने तंज कसा है।
शुकवार को शरद पवार से जब नोटिस के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ‘हां मेरे पास लवलेटर आया है’। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने शरद पवार को साल 2004, 2009, 2014 और 2020 में दायर चुनावी हलफनामों से संबधित मामले में नोटिस भेजा है।
इससे पहले शरद पवार ने पुणे में कहा था, ‘‘मुझे लगता है कि फडणवीस ने खुशी से नंबर दो का पद स्वीकार नहीं किया है। उनके चेहरे के भाव ने सब कुछ बयां कर दिया।’’ एनसीपी प्रमुख ने कहा, ‘‘वह नागपुर से हैं और उन्होंने एक ‘स्वयंसेवक’ के रूप में काम किया है और वहां, जब कोई आदेश आता है, तो उसका पालन करना पड़ता है।’’ पवार ने कहा कि फडणवीस ने इस ‘संस्कार’ के कारण एक कनिष्ठ पद स्वीकार किया होगा।
वहीं शरद पवार ने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ बगावत करने के बाद गुवाहाटी में डेरा डाले हुए एकनाथ शिंदे गुट को उम्मीद नहीं थी कि उनके नेता उपमुख्यमंत्री से ज्यादा कुछ बनेंगे। पवार ने कहा, ‘‘हालांकि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा आदेश दिए जाने के बाद, शिंदे को मुख्यमंत्री का पद दिया गया। किसी को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। मुझे लगता है कि शिंदे को खुद कोई जानकारी नहीं थी। दूसरा आश्चर्य, जो मुझे नहीं लगता कि वास्तव में एक आश्चर्य है, वह यह है कि देवेंद्र फडणवीस, जिन्होंने पांच साल तक मुख्यमंत्री और फिर विपक्ष के नेता के रूप में काम किया, को केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का पालन करते हुए उपमुख्यमंत्री का पद लेना पड़ा।’’
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बता दें कि जहां पवार को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है, वहीं दूसरी ओर सत्ता खोने के बाद से लगाताक ठाकरे ग्रुप कह रहा है कि ईडी का डर दिखाकर भाजपा ने विधायकों को बगावत के लिए मजबूर किया है। शिवसेना नेता संजय राउत ईडी के सामने आज 12 बजे पूछताछ के लिए पेश हुए हैं।