आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को 78वें स्वतंत्रता दिवस पर जनता को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह दिन देश के करीब 140 करोड़ बहुजनों के लिए तभी विशेष होगा, जब वे दरिद्रता से मुक्ति पाएंगे। अपने परिवार का जीवन खुशहाल कर सकेंगे, जिससे देश का सम्मान भी बढ़ेगा। ये तभी होगा, जब केंद्र व यूपी सरकार की सोच ’’हर हाथ को काम देने वाली’’ हो। जैसा यूपी में चार बार रही बसपा सरकार में करके दिखाया गया।
यह भी पढ़ें- 13 से 15 अगस्त तक हर घर फहराया जाएगा तिरंगा: CM योगी
यूपी की पूर्व सीएम ने बयान जारी कर कहा कि वास्तव में आज देश की पहली जरूरत “हर हाथ को काम देने वाली ईमानदार नीयत व नीति बनाकर उस पर दिल-जान से काम करने की है, जैसा कि यूपी में बसपा की चार बार रही सरकारों में करके भी दिखाया जा चुका है, लेकिन यह तभी संभव है जब बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के इशारे पर नहीं, बल्कि सही अम्बेडकरवादी संवैधानिक सोच के हिसाब से कार्य किया जाए। स्वतंत्रता का सही अर्थ है लोगों के जीवन स्तर में जरूरी सुधार, जिसके लिए सरकार को संविधान के प्रति पूरी तरह से जिम्मेवार होकर, भावनात्मक मुद्दों के जरिए लोगों का ध्यान भटकाने के बजाय, वास्तव में कल्याणकारी सरकार की भूमिका निभानी चाहिए।
भारी भरकम प्रचार व विज्ञापनों को राजनीति से प्रेरित
इस दौरान बसपा मुखिया ने कहा स्वतंत्रता दिवस के अवसर भाजपा व इनकी यूपी सरकार द्वारा बहु-प्रचारित “हर घर तिरंगा ” के तहत “आइए, मिलकर तिरंगा फहराएं, देशभक्ति की अलख जगाएं स्लोगन वाले भारी भरकम प्रचार व विज्ञापनों को राजनीति से प्रेरित ज्वलन्त समस्याओं से जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास किया है। हमला जारी रखते हुए मायावती ने कहा कि क्योंकि देश के लोगों में देशभक्ति की भावना की रत्ती भर भी कोई कमी नहीं है।
मायावती ने कहा कि देशभक्ति का ही परिणाम है कि गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई आदि के कारण करोड़ों लोगों को दाल-रोटी भी सही से नहीं मिल पा रहा है फिर भी वे सभी गरीब व मेहनतकश लोग देश की तरक्की व विकास में पूरे तन, मन, धन से लगातार संघर्षरत हैं। उनमें “देशभक्ति की अलख जगाने’ आदि जैसे भावनात्मक स्लोगनों के जरिए भाजपा उनकी गरीबी, मेहनतकश जीवन, ईमानदारी एवं कर्मठता का मजाक न उड़ाए तो बेहतर।
स्वाभिमान के साथ जीने योग्य बना सकें
वहीं बसपा सुप्रीमो ने सलाह देते हुए कहा कि बेहतर तो यह होगा कि भाजपा व उनकी केंद्र व यूपी की सरकार गरीबों व पिछड़े बहुजनों के पक्ष में अपनी नीयत व नीति में जरूरी सुधार लाकर उनको रोजगार के ज्यादा से ज्यादा के अवसर प्रदान करे ताकि वे सरकार के थोड़े से आनाज की कृपा पर आश्रित रहने के बजाय अपना जीवन आत्म-सम्मान एवं स्वाभिमान के साथ जीने योग्य बना सकें और इस क्रम में सबसे पहले गरीब निर्दोष स्वरोजगार पर निर्भर लोगों आदि को बुलडोजर चलाकर व उन्हें उजाड़ना बन्द करे।
देश में प्रति व्यक्ति आय भी बहुत कम
मायावती ने कहा कि सरकार देश की अर्थव्यवस्था के विकास का दावा करते नहीं थकती है, अगर गरीब लगातार गरीब है और मेहनतकश समाज के लोगों की कमाई नहीं बढ़ रही है तथा देश में प्रति व्यक्ति आय भी बहुत कम है तो फिर भाजपा के ऐसे दावे हवा-हवाई नहीं तो फिर और क्या है? अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया का रिकार्ड स्तर पर गिरता भाव आत्मनिभर्रता को प्रभावित करता है, जिस पर भी समुचित ध्यान देना जरूरी।