आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हुआ। सदन शुरू होते ही संभल हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर सपा और कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी की। ये देख विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने प्रश्नकाल को स्थगित कर दिया। दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर सपा विधायक पल्लवी पटेल ने यूपी सरकार के भ्रष्टाचार मुद्दे पर प्रश्न उठाया इस पर स्पीकर ने उन्हें बैठने का आदेश दिया। इस पर भी पल्लवी पटेल नहीं रुकी तो स्पीकर ने कहा कि मुझे आपको सदन से बाहर जाने के लिए कहना पड़ेगा। मैं आपको अनुमति नहीं दे रहा हूं। आप बैठ जाइए।
इस पर पल्लवी पटेल को जब बोलने का मौका नहीं मिला तो वह सदन से बाहर चली गईं और विधानसभा परिसर में सरकार के विरोध में धरने पर बैठ गईं। उनके हाथ में बैनर था, जिसमें लिखा था पिछड़ा मांगे हिसाब, योगी जी मांगे जवाब। सिराथू से सपा विधायक पल्लवी पटेल ने कहा कि मैं बहुत ही गंभीर विषय उठाना चाहती हूं। वर्तमान भाजपा सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। यह सामंतवादी सरकार है।
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इससे पहले अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ने प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष पदों पर नियुक्ति में धांधली का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान सेवा नियमावली को ताक पर रखा। पुरानी नियमावली के आधार पर भर्ती की गई और पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों का हक मारकर घूस लेकर प्रमोशन दिया गया। साथ ही कहा था कि वह इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगी।