आरयू वेब टीम।
हां नहीं के विवादों के बाद आज वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में 2017-18 का बजट पेश किया। सांसद ई अहमद के निधन के बाद विपक्ष ने बजट टालने की भी मांग की। नोटबंदी के बाद आए इस बजट में समाज के हर वर्ग को लुभाने की कोशिश की गई है। नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर जो असर पड़ा है, उसके आंकड़े भी बजट में पेश किये गये।
बजट में दस बड़ी बातों पर विशेषकर फोकस किया गया है। इनमें आयकर, राजनीतिक दलों के चंदे, किसान, अल्पसंख्यक एवं एससी-एसटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, आवास, युवाओं को रोजगार, सामाजिक सुरक्षा, रेल और डिजिटल इकॉनमी और शामिल हैं।
आयकर- वित्त मंत्री ने आयकर छूट के स्लैब में बदलाव की घोषणा की। 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय वाले लोगों को इस बजट में टैक्स में 5 फीसदी की राहत दी गयी है। इस आय वर्ग पर टैक्स 10 फीसदी से घटा कर 5 फीसदी किया गया।
यानी 3 से पांच लाख तक की आमदनी वालों को अब पहले से आधा टैक्स देना होगा। वहीं, 3 लाख तक आय वाले पर कोई कर नहीं लगेगा। पहले आय की यह सीमा 2.5 लाख रुपये थी। इसके अलावा 50 लाख आय वाले व्यक्तियों को अग्रिम कर भुगतान एक किस्त में करने का मौका दिया गया है।
बीमा एजेंटों की आय को 5 फीसदी टीडीएस कटौती से मुक्त किया गया है, लेकिन यह लाभ उन्हें तभी मिलेगा, जब उनकी आय कर के दायरे में नहीं आयेंगी।
राजनीतिक दलों का चंदा- आजकल चर्चां में बने इस मुद्दे पर भी खास निर्णण लिए गए है। अब कोई राजनीतिक पार्टी दो हजार रुपये से अधिक की राशि चंदे के रूप में नगद में नहीं ले सकेंगी। इस तरह के चंदे या तो डिजिटल माध्यम से होंगे या चेक द्वारा प्राप्त किये जा सकेंगे।
इंफ्रास्ट्रक्चर- मनरेगा के तहत 10 लाख तालाब बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मनरेगा के पैटर्न में बदलाव भी किया जा रहा है और नये तरीके से किसानों और मजदूरों के बीच इसे लाया जा रहा है। इसमें महिलाओं की भागीदारी को 55 फीसदी से आगे ले जाया जायेगा।
इसके लिए मनरेगा की बजटीय राशि को 38000 करोड़ से बड़ा कर 48000 करोड़ किया गया है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 27 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है।
आवास- प्रधानमंत्री आवास योजना के फंड को नये वित्त वर्ष में 23000 करोड़ रुपये तक बढ़ाया गया है। सस्ते घरों की योजना के तहत बड़े घर होंगे आक्र बिल्डप एरिया को कारपेट एरिया माना जाएगा। बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2019 तक एक करोड़ घर दिया जाएगा। इसी तरह एक करोड़ परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर निकालने का लक्ष्य रखा गया है।
युवाओं को रोजगार- कौशल विकास और परीक्षा पैटर्न में बड़े बदलाव की पहल की गयी है। टेक्सटाइल सेक्टर में युवाओं को रोजागार उपलब्ध कराने की विशेष व्यवस्था की गयी है।
इसके लिए टेक्सटाइल सेक्टर में रोगजार प्रदान करने के लिए अलग से योजना शुरू की गयी है। राज्यों के साथ मिल कर टूरिज्म को भी बढ़ावा देने का भी बजट में प्रावधान है।
सामाजिक सुरक्षा- महिलाओं के लिए आंगनबाड़ी के माध्यम से 500 करोड़ रुपये के खर्च का विशेष प्रावधान किया गया है। गर्भवती महिलाओं के लिए 6000 करोड़ रुपये उनके बैंक खातों में डाले जायेंगे।
रेलवे- पहली बार रेल और आम बजट साथ-साथ आया। बजट में रेल यात्रियों की सुरक्षा, सफाई, विकास और आय फोकस किया गया है। रेलवे के लिए 1.31 लाख करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है।
इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि रेलवे अतिरिक्त संसाधनों से पैसा जुटाने की कोशिश करेगा। रेलवे के लिए 1031 लाख करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है। रेलवे की सुरक्षा के लिए एक लाख करोड़ का फंड दिया गया है और अगले वित्त वर्ष के अंत तक 3500 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाये जाने का प्रावधान इसमें है।
ट्रेनों में बायो टॉयलट और मेट्रो रेलवे के लिए नयी नीति की घोषणा का भी इसमें उल्लेख है। रलवे कंपनियों और आइआरसीटीसी को शेयर बाजार में लिस्टेड किया जायेगा।
डिजिटल इकॉनमी- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत वर्ष 2017-18 में 2.44 लाख करोड़ रुपये देने का लक्ष्य रखा गया है। सवा करोड़ लोगों ने अब तक भीम ऐप को अपनाया है। इसे देखते हुए भीम यूजर के लिए रेफरल स्कीम सरकार लायेगी। भीम ऐप में कारोबारियों को कैशबैक मिलेगा। डेढ़ लाख गांवों में ब्रॉडबैंड पहुंचाया जायेगा। 3 लाख से ज्यादा का लेन-देन नकद में नहीं होगा।
कृषि- इस बजट में कृषि विकास पर सरकार का ज्यादा जोर है। कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार की पहल की गयी है। इसके तहत जहां किसान बीमा योजना के लिए 5500 करोड़ की पिछले साल की बजटीय राशि को इस वर्ष बढ़ाकर 13000 करोड़ रुपये किया गया है।
वहीं लघु और मध्य वर्गीय किसानों को भी सहकारी क्रेडिट सेक्टर के माध्यम से मदद का प्रावधान किया गया है। छोटे और सीमांत किसानों की मदद के लिए 1900 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है। कृषि सुधार के तहत मिट्टी परीक्षण के लिए 100 से ज्यादा अनुसंधान लैब बनाया जाना है।
कृषि ऋण के लिए 10 लाख करोड़ का लक्ष्य तय किया गया है, वहीं फसल बीमा को 30 फीसदी से बढ़ा कर 40 फीसदी किया गया है। डेयरी क्षेत्र में 800 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है।
अल्पसंख्यक और एससी-एसटी- बटज में अल्पसंख्यक और एससी-एसटी के कल्याण पर भी जोर दिया गया है। इसके तहत अल्यसंख्यकों के कल्याण के लिए 4195 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए किया जाने वाला आवंटन बजट अनुमान 2016-17 में 38,833 करोड़ रुपये था, जिसे बढ़ाकर 52,393 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है।
वहीं अनुसूचित जनजाति के लिए आवंटित बजट को बढ़ाकर 31,920 करोड़ रुपये और अल्पसंख्यकों के लिए 4,195 करोड़ रुपये किया गया है। सरकार इन क्षेत्रों में खर्च की जाने वाली धनराशि की नीति आयोग द्वारा परिणाम आधारित निगरानी की व्यवस्था शुरू करेगी
यह बातें भी रही खास-
इसके अलावा पहली बार आम और रेल बजट एक साथ पेश हुआ। आम बजट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब केंद्रीय बजट एक फरवरी को आया। वित्त मंत्री ने इस पर तर्क दिया कि सदन में स्पष्ट किया कि इससे बजट के प्रावधानों को लागू करने के लिए पर्याप्त समय मिल सकेगा, हालांकि विरोधी पार्टियां इसको विधानसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे है। इसके साथ ही कई अन्य अहम बिन्दुओं पर भी बजट में चर्चा की गई।