आरयू वेब टीम।
सीबीआइ में अंदरूनी कलह के बाद छुट्टी पर भेजे गए डायरेक्टर आलोक वर्मा के नई दिल्ली स्थित घर के बाहर गुरुवार सुबह चार संदिग्ध नजर आए, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल चारों से पुलिस पूछताछ कर रही है। कहा जा रहा है पकड़े गए लोग इंटेलिजेंस ब्यूरो (आइबी) के हैं, हालांकि इसकी पुष्टि अभी नहीं हो पायी है कि ये लोग अखिर कौन हैं और यहां क्या कर रहे थे। हालांकि बाद में स्पष्ट हो पाया कि चारों संदिग्ध सहीं बोल रहे थे, वो आइबी के ही अफसर हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आलोक वर्मा के घर के बाहर से आज सुबह साढ़े सात बजे चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। इन चारों संदिग्धों पर वर्मा के घर के आस-पास जासूसी करने का आरोप है। संदिग्धों को आलोक वर्मा के पीएसओ ने दबोचा, इसके बाद दिल्ली पुलिस को सूचना दी और पुलिस के हवाले कर दिया।
वहीं, मामले को लेकर वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने नए सीबीआइ चीफ नागेश्वर राव की नियुक्ति को चुनौती दी है। याचिका में मांग की गयी है कि विशेष निदेशक राकेश अस्थाना सहित अन्य सीबीआइ अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए एसआईटी गठित की जाए। याचिका पर कोर्ट ने आज सुनवाई से मना किया है।
#WATCH: Earlier visuals of two of the four people (who were seen outside the residence of #AlokVerma) being taken for questioning. #CBI #Delhi pic.twitter.com/2KnqNfrnH0
— ANI (@ANI) October 25, 2018
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इससे पहले सीबीआइ में मचे घमसान के बाद आखिरकार सरकार ने मंगलवार की आधी रात को कड़े फैसले ले लिए सीबीआइ के ज्वाइंट डायरेक्टर एम नागेश्वर राव को जांच एजेंसी का अंतरिम प्रमुख नियुक्त किया गया। राव 1986 बैच के ओड़िशा कैडर के आइपीएस अधिकारी हैं। दूसरी तरफ जांच जारी रहने तक सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा और एजेंसी में नंबर दो अफसर स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया। रातों-रात दोनों अफसरों से उनकी जिम्मेदारियां पूरी तरह से वापस ले ली गयीं। देश की शीर्ष जांच एजेंसी के 55 सालों के इतिहास में इस तरह का यह पहला मामला है।